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Vikramaditya बोले, 15वें वित्त आयोग की सिफारिश पूर्व Congress सरकार की कार्य प्रणाली के कारण
Last Updated on February 8, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (Congress MLA Vikramaditya Singh)ने 15वें वित्त आयोग (15th Finance Commission)की ओर से हिमाचल को राजस्व घाटा अनुदान को 45 प्रतिशत बढ़ाने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि लगातार बढ़ते कर्ज से शायद हिमाचल प्रदेश को कुछ राहत मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रदेश सरकार इसे ऊलजलूल में खर्च ना करते हुए प्रदेश के विकास कार्यों में खर्च करेगी।
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विक्रमादित्य सिंह ने कहा की 15वें वित्त आयोग ने जो सिफारिश की है वह प्रदेश में पूर्व कांग्रेस सरकार (Pervious Congress government) की बेहतर कार्य प्रणाली और बेहतर आर्थिक प्रबधंन ओर पर्यावरण सरंक्षण के आधार पर ही की है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने प्रदेश को कोई उपकार नही किया हैए यह प्रदेश का वाजिब हक था जो मिलना ही चाहिए था। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने अपनी बहुमूल्य वन संपदा के साथ.साथ पर्यावरण संरक्षण की ओर विशेष ध्यान दिया है। यही बजह है कि प्रदेश में आज वन क्षेत्रफल भी बड़ा है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए हिमाचल को विशेष दर्जा देते हुए इसकी विशेष आर्थिक सहायता भी समय समय भी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वीडीसी और जिला परिषद का बजट बहाल होने से ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में भी तेजी आयेगी। बशर्ते है कि प्रदेश सरकार इन के अधिकारो पर किसी भी प्रकार की केंची न चलाये। पंचायत प्रतिनिधियों को बजट देने का निर्णय भी स्वागत योग्य है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी क्षेत्र होने की बजह से यहां विकास कार्यों की लागत अन्य मैदानी इलाकों से कही ज्यादा पड़ती है। इस आधार पर भी प्रदेश को केंद्र से अधिक आर्थिक सहायता मिलनी ही चाहिए।उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की आपार संभावनाओं को देखते हुए इसके विकास को भी विशेष आर्थिक सहायता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रेलवे का सम्पर्क पर्यटन स्थलों से नाम मात्र का है इसलिए इसके विस्तार के साथ साथ हवाई यात्रा के शुल्कों में भी कटौती की जानी चाहिए।