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शिमला। कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ( Congress MLA Vikramaditya Singh) का कहना है कि एक ओर जहां प्रदेश सरकार( State Govt) दिल्ली विधानसभा के चुनाव प्रचार में डटी है तो दूसरी ओर प्रदेश सरकार के सचिवालय( Secretariat) से अधिकारी भी गायब हो गए हैं। हैरानी की बात है कि प्रदेश सरकार का कामकाज पूरी तरह राम भरोसे छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा है कि मंत्रियों की अनुपस्थिति और अधिकारियों के नदारद रहने के चलते कहीं प्रदेश सचिवालय भूत बंगला ही न बन जाए। पिछले एक हफ्ते से मंत्री और सचिवालय के मुख्य अधिकारियों का पूरा प्रशासन गायब है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार के कामकाज की आलोचना करते हुए कहा है कि उसे प्रदेश के लोगों की कोई चिंता नहीं है। लगातार बर्फबारी के चलते प्रदेश के लोगों को अनेक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। सरकारी तंत्र पूरी तरह विफल साबित हो रहा है। शिमला से ऊपरी क्षेत्र अभी भी मुख्य मार्गों के संपर्क से कटे पड़े हैं। बिजली आपूर्ति ठप पड़ी है। दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कमी के चलते लोग परेशान हो रहे हैं। प्रदेश की पूरी सरकार दिल्ली विधानसभा के चुनाव प्रचार में अति व्यस्त है।
विक्रमादित्य ने कहा है कि प्रदेश बीजेपी सरकार के मंत्री दिल्ली विधानसभा के चुनावों में इस प्रकार से डटे हैं मानो उन्होंने दिल्ली में भी अपनी सरकार बनानी है। बीजेपी ने आज देश को ऐसे चौराहे पर ला कर खड़ा कर दिया है जहां पर लोग अब अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी ने देश में एक ऐसा विवाद पैदा कर दिया है कि लोग सरेआम गोलियां चलाने लग पड़े हैं। इसके लिए उसी के नेता, मंत्री लोगों को उकसाने का पूरा काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र के वर्ष 2020/21 के आम बजट से भी लोगों को भारी निराशा हुई है। न तो इस बजट में बेरोजगारी को दूर करने की कोई योजना है, न महंगाई दूर होने की कोई संभावना। देश की अर्थव्यवस्था जो आज निम्न स्तर पर आ गई है, उसके सुधरने के भी उन्हें इस बजट में कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। हिमाचल की तो इस बजट में पूरी तरह से अनदेखी की गई है, जबकि वित्त मंत्रालय में प्रदेश के हाई प्रोफाइल राज्य मंत्री है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के चारों बीजेपी सांसद अपनी विकास निधि का अब तक कोई भी पैसा खर्च नहीं कर पाए हैं। ऐसा लगता है कि इन्हें भी प्रदेश के विकास से कुछ लेना देना नहीं है।
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