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कांग्रेस को एक और झटका, विक्रमादित्य सिंह ने छोड़ी पार्टी, वायरल हुआ इस्तीफा
Last Updated on March 22, 2022 by Vishal Rana
पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद कई कांग्रेस और बीजेपी के नेता आम आदमी पार्टी में जा रहे हैं। इसी बीच मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक इस्तीफा काफी वायरल हो रहा है। यह इस्तीफा विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) का है। हालांकि यह विक्रमादित्य सिंह जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के कद्दावर कांग्रेस (Congress) नेता और महाराजा कर्ण सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह हैं। मंगलवार को उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा (Resigned) देने का ऐलान किया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनके विचार पार्टी के साथ नहीं मिलते हैं। उन्होंने पार्टी पर जमीनी वास्तविकताओं से अनजान रहने का भी आरोप लगाया।
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उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ”मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना इस्तीफ़ा देता हूं. जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेरी स्थिति जो राष्ट्रीय हितों को दर्शाती है, कांग्रेस पार्टी के साथ संरेखित (मिलती) नहीं है. (पार्टी की राय) ज़मीनी हक़ीक़त से जुदा है.” इस्तीफ़े वाले पत्र में उन्होंने लिखा, ”मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल इस्तीफ़ा देता हूं. मेरा मानना है कि कांग्रेस जम्मू और कश्मीर के लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं को समझने और उसे दिखाने में नाकाम रही है.”
मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना इस्तीफा देता हूं। जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेरी स्थिति जो राष्ट्रीय हितों को दर्शाती है, कांग्रेस पार्टी के साथ संरेखित नहीं है। @INCIndia जमीनी हकीकत से जुदा है। @INCJammuKashmir https://t.co/7jCF1CuX8h
— Vikramaditya Singh (@vikramaditya_JK) March 22, 2022
कौन हैं विक्रमादित्य सिंह
57 साल के विक्रमादित्य सिंह जम्मू और कश्मीर विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। उनके दादा महाराज हरि सिंह जम्मू और कश्मीर के अंतिम महाराज रहे। वहीं उनके पिता कर्ण सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रह चुके हैं। विक्रमादित्य सिंह मौजूदा केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बहनोई भी हैं। इससे पहले वो 2015 में पीडीपी में शामिल हो गए थे। लेकिन अक्टूबर 2017 में उन्होंने अपने दादा के जन्मदिन पर छुट्टी का एलान करने के मसले पर नाराज़ होकर पार्टी और विधान परिषद की सदस्यता, दोनों से इस्तीफ़ा दे दिया था। उसके बाद वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। 2019 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर उधमपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन केंद्रीय मंत्री बीजेपी के जितेंद्र सिंह के हाथों हार गए थे।