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दयाराम कश्यप/सोलन। जिला प्रशासन व सरकार के लिए सोलन (Solan) को नगर निगम बनाने की योजना लोगों को रास नहीं आ रही है। जिन आठ पंचायतों को नगर निगम (Nagar Nigam) में मिलाने की योजना है उन आठ पंचायतों में कोई एक भी व्यक्ति इस विलय के पक्ष में नहीं है। इसी के चलते आज सोलन में ग्रामीण सड़कों पर उतरे व सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी पंचायतों को नगर निगम में मिलाया जाता है तो वह किसी भी हद तक अपनी जंग लड़ने को तैयार हैं।
सोलन में नगर निगम संघर्ष समिति के बैनर तले सोलन के साथ लगती आठ पंचायतों को नगर निगम में ना मिलने को लेकर लोगों ने डीसी सोलन (DC solan) के माध्यम से सीएम को एक ज्ञापन सौंपा व मांग की कि उनकी पंचायतों को पंचायत रहने दिया जाए इसे नगर निगम में ना मिलाया जाए। इसके उपरांत ग्रामीणों ने एक सांकेतिक रैली सोलन शहर में निकाली जिसमें करीब 500 लोग सरकार व जिला प्रशासन पर जमकर गरजे। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें ऐसी तानाशाही बिल्कुल पसंद नहीं है कि उनसे बिना पूछे उनकी पंचायतों से छेड़छाड़ की जा रही है। ग्रामीणों ने सख्त लहजे में जिला प्रशासन व सरकार को चेताया है कि यदि सरकार आठ पंचायतों के 84 गांवों के करीब 20 हजार लोगों के विपरीत फैसला लेती है तो उन्हें इसका बुरा अंजाम भुगतना पड़ेगा।
ग्रामीण संघर्ष समिति के सचिव मनोज वर्मा ने बताया कि उन्होंने डीसी के माध्यम से सीएम को एक ज्ञापन (Memorandum) भेजा है जिसमे आग्रह किया गया है कि आठ पंचायतों को नगर निगम में ना मिलाया जाए। यदि फिर भी सरकार ऐसा करती है तो इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन बोलता कुछ है व कर कुछ और रहा है। कोविड काल के चलते लोगों को ना आने का आग्रह किया गया था लेकिन लोगों में आक्रोश है व ग्रामीण किसी भी हद तक जा सकते हैं।
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