- Advertisement -
नई दिल्ली। पूरे भारत में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच इस महामारी के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए लागू किया गया लॉकडाउन (Lockdown) पिछले डेढ़ महीने से भी अधिक समय से जारी है। इस दौरान अपने गांव-घर से दूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए मजदूरों को लॉकडाउन में काम ना मिलने के कारण अपने राज्य वापस लौटना पड़ रहा है। इस सब के बीच सोशल मीडिया पर एक मजदूर पिता द्वारा लिखा हुआ पत्र खूब वायरल (Viral Letter) हो रहा है।
यह मामला बरेली के रहने वाले मोहम्मद इकबाल से जुड़ा हुआ है। इकबाल को भरतपुर (Bharatpur) से बरेली (Bareilly) आना था, उनके साथ उनका दिव्यांग बच्चा भी साथ में था। ऐसे में इकबाल तो पैदल चल लेते लेकिन बच्चा कैसे चलता। इसके लिए इकबाल ने रारह गांव से सोमवार देर रात साहब सिंह के घर से एक साइकिल चुराई। साइकिल चुराते वक्त इकबाल ने वहां एक पत्र छोड़ आया। अब यह पत्र सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस चिट्ठी में साइकिल ले जाने वाले शख्स ने अपनी मजबूरी गिनाते हुए साइकिल मालिक से माफी मांगी है। साथ ही उसे साइकिल ले जाने के लिए भी सूचित किया है।
उसने चिट्ठी की शुरूआत में लिखा है कि मैं आपका कसूरवार हूं। मैं एक मजदूर हूं और मजबूर भी। मैं आपकी साइकिल लेकर जा रहा हूं। मुझे माफ कर देना। मेरे पास कोई साधन नहीं है और मुझे अपने विकलांग बच्चे को लेकर बरेली तक जाना है। आपका कसूरवार , एक यात्री , एक मजदूर । चिट्ठी में साफ झलक रहा है कि कैसे एक पिता को बेटे की मजबूरी के चलते इस तरह का कदम उठाना पड़ा है। वहीं साइकिल के मालिक साहबसिंह ने कहा कि मजबूर और मजलूम मोहम्मद इकबाल ने बेबसी में आकर ऐसा काम किया। अन्यथा बरामदे में और भी कई कीमती चीजें पड़ी थी पर उसने उन्हें हाथ नहीं लगाया।
- Advertisement -