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धर्मशाला। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के बीच पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (Former CM Virbhadra Singh) ने एक बार फिर से दो राजधानियों (Capital) का जिन्न निकालकर बाहर रख दिया है। अबकी मर्तबा तो उन्होंने स्पष्ट भी कर दिया कि पुराने हिमाचल की राजधानी शिमला (Shimla) है तो नए की धर्मशाला (Dharmshala)।
वीरभद्र सिंह ने अपने शासनकाल के अंतिम दिनों में हिमाचल अभी अभी के कांगड़ा स्थित मुख्यालय में ही धर्मशाला को दूसरी राजधानी (Second Capital) बनाए जाने की घोषणा की थी। उसके बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई, बीजेपी सरकार ने ना ही तो उस घोषणा को वापस लिया ना ही उसके अनुरूप कुछ काम किया। अब वीरभद्र सिंह ने उस मुद्वे को ताजा करते हुए कहा है कि धर्मशाला में चाहे शीतकालीन प्रवास की बात हो या फिर विधानसभा भवन में शीतकालीन सत्र की, ये सब परंपरा उनके शासनकाल में ही कायम हुई हैं।
उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की जनता का भावनात्मक जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि बीजेपी से जुड़े नेता बीच-बीच में इसे फिजूलखर्ची बताते हैं, लेकिन सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) को इस बारे में ऐसी सोच नहीं लानी चाहिए। वीरभद्र सिंह आज कांगड़ा-चंबा से पार्टी प्रत्याशी पवन काजल (Pawan Kajal) के नामांकन के बाद दाड़ी के मेला ग्राउंड में एक सभा को संबोधित कर रहे थे, जिसमें पार्टी नेता आनंद शर्मा भी मौजूद थे।
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