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शिमला। विधानसभा में आज सीएम वीरभद्र सिंह और नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल फिर आमने-सामने हुए। राज्यपाल अभिभाषण के दौरान जब सीपीएस नंद लाल बोल रहे थे तो उन्होंने पूर्व बीजेपी सरकार पर उनके चुनाव क्षेत्र से भेदभाव के आरोप लगाए। इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने रामपुर बुशहर से भारी भेदभाव किया। नंदलाल ने हमीरपुर का जिक्र करते हुए कहा कि बमसन के लोगों को भी सीएम वीरभद्र सिंह ने पीने का पानी पहुंचाया।
वहां की बमसन-लगाउटी योजना वीरभद्र सिंह की देन है, जो इस बात को साबित करती है कि वीरभद्र सिंह ने कभी भी भेदभाव से कार्य नहीं किया। जिस वक्त नंदलाल बोल रहे थे, उस वक्त सीएम वीरभद्र सिंह सदन में मौजूद थे। इस बीच, नेता प्रतिपक्ष प्रेमकुमार धूमल ने हस्तक्षेप किया और कहा कि जो आरोप बीजेपी पर लगाए जा रहे हैं वे सही नहीं हैं। धूमल ने उनके कार्यकाल में रामपुर के दत्तनगर में मिल्क चिलिंग प्लांट स्थापित करने, आयुर्वेदिक अस्पताल स्वीकृत करने और ननखड़ी में कॉलेज खोलने की बात कही।
इस दौरान हमीरपुर की बमसन-लगावटी पेयजल योजना का जिक्र हुआ और वीरभद्र और धूमल दोनों आमने-सामने आ गए। सीएम वीरभद्र बोले कि इस योजना का शिलान्यास उन्होंने किया था। बीजेपी सरकार ने जब इसका उद्घाटन किया तो शिलान्यास के पत्थर को ऊपर पहाड़ी पर दो टैंकों के बीच लगा दिया गया। हालांकि बाद में विभाग ने इसे नीचे सड़क पर अवाहदेवी में लगाया गया। सीएम ने कहा कि बमसन-लगाउटी पेयजल योजना के निर्माण को उन्होंने शुरू करवाया और इसका अच्छा कार्य हुआ है और यह क्म्प्यूटरीकृत योजना है, लेकिन बीजेपी की सरकार ने उनके शिलान्यास पत्थर को दो टैंकों के बीच में लगाया था। इस पर धूमल बोले कि सीएम गलत बोल रहे हैं और उन्हें नहीं मालूम कि उन्होंने इसका शिलान्यास किया था या उद्घाटन। धूमल ने कहा कि यह स्कीम उनके वक्त की है और यदि इसकी वास्तविकता जाननी है तो सदन की कमेटी बनाई जाए और वह देखेगी कि किसने क्या किया है। उन्होंने सदन को गुमराह न करने का आग्रह किया।
इस बीच, सीएम फिर बोलने लगे कि उन्होंने ही इस योजना का शिलान्यास किया था और वे इस बात पर कायम हैं। वे बोले कि अध्यक्ष जांच करवाएंगे कि किसने इस योजना के लिए क्या किया है। वहीं, धूमल ने कहा कि इस योजना का पानी ट्यूबवैल से आया है और जिस योजना की बात सीएम कर रहे हैं वह मेवा हलके की थी। इसके बाद भी दोनों के बीच इस योजना पर बात होती रही और फिर स्पीकर ने नंदलाल से अपनी बात पूरी करने को कहा और फिर जाकर मामला शांत हुआ।
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