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वीरभद्र को उम्मीद, तिब्बती जल्द लौटेंगे अपने वतन
Update: Tuesday, October 16, 2018 @ 12:10 PM
शिमला। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि भारत- तिब्बत का रिश्ता बहुत प्राचीन है। तिब्बती खराब हालात के चलते भारत आए थे। मुझे उम्मीद है कि तिब्बत के हालत जल्द ठीक होंगे। ये लोग वापस अपनी मात्रभूमि में जाएंगे। यह बात उन्होंने शिमला रिज में आयोजित “
धन्यवाद हिमाचल” कार्यक्रम में कही। इसमें राज्यपाल आचार्य देवव्रत, निर्वासित तिब्बत सरकार के पीएम डॉ. लोबसंग सांग्ये भी मौजूद थे। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे राज्यपाल ने कहा कि अतिथि भारत के लिए देवता सम्मान होते हैं और तिब्बत तो भारत का पड़ोसी भी है, मित्र भी। मानव सभ्यता का विकास तिब्बत से हुआ है, उसके बाद पूरे विश्व में सभ्यता जानी। तिब्बती भारत की प्रगति में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है और भारत तिब्बतियों का भी देश है। दुनिया में शांति केवल एकता में ही है।
जल्द भारत लौटेंगे करमापा
निर्वासित तिब्बत सरकार के पीएम डॉ. लोबसंग सांग्ये ने कहा कि भारत की दाल-रोटी खाकर तिब्बती लोग भी बुद्धिमता भारतीय हो गई है। तिब्बती समुदाय के लिए जो भारत देश ने किया है, वह कोई दूसरा देश नहीं कर सकता। भारत की इस महानता के लिए तिब्बत के लोग हमेशा आभारी रहेंगे। दलाईलामा भी खुद को भारत का बेटा मानते हैं। उन्होंने हिमाचल सरकार और लोगों का तिब्बतियों को शरण देने के लिए धन्यवाद किया। तिब्बतियों के तीसरे गुरु करमापा के विषय पर सांग्ये ने कहा कि वे जल्द भारत लौटेंगे और नवंबर में धर्मशाला में होने वाले तिब्बती धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेंगे।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में लगभग 12 हजार तिब्बती समुदाय के लोग रहते हैं। तिब्बत में चीन द्वारा कब्ज़ा करने पर 60 साल पहले धर्मगुरु दलाईलामा शरणार्थी के तौर रहने आए थे। रिज पर तिब्बती समुदाय ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई। कार्यक्रम में धर्मगुरु दलाईलामा का संदेश भी लोगों को सुनाया गया।