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चीन से जंग छिड़ी तो हिमाचल पर बड़ा खतरा: ग्लोबल टाइम्स ने कहा- अटल टनल को बर्बाद कर देगी चीनी सेना
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा (India China Border) पर जारी तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण अटल टनल (Atal Tunnel) का उद्घाटन किया। अब इस टनल के निर्माण के बाद चीन को मिर्ची लगी है। पीएम मोदी ने जहां टनल का उद्घाटन करते हुए कहा था कि ये सुरंग देश के बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर की नई ताकत बनेगी। वहीं, भारत के सीमाई इलाके में इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होते देखकर चीनी मीडिया भी बेचैन हो उठा है। इसी कड़ी में चीन की सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने अटल टनल को लेकर भारत को धमकी देने की कोशिश की है। चीन की इस धमकी से ऐसा मालूम पड़ता है कि अगर भारत और चीन के बीच जंग छिड़ती है तो हिमाचल प्रदेश पर इसका खासा प्रभाव पड़ेगा।
टनल बनाने से बहुत ज्यादा फायदा नहीं होने वाला
ग्लोबल टाइम्स में छपे एक आर्टिकल में लिखा गया है कि भारत को अटल टनल बनाने से बहुत ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है। चीनी सरकार के मुखपत्र ने आगे लिखा कि चूंकि इलाका पहाड़ी क्षेत्र हैं और घनी आबादी वाला है इसलिए इसका निर्माण सिर्फ सैन्य मकसद से किया गया है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि अटल टनल खुलने से भारतीय सेना को सीमा पर कम समय में तैनात किया जा सकता है और इसके साथ ही सैन्य आपूर्ति भी इस सुरंग के जरिए ले जायी जा सकती है। ये सच है कि इस सुरंग के बनने से भारत के बाकी हिस्सों से लेह पहुंचने में अब कम वक्त लगेगा। सेना की तैनाती और रणनीतिक चैनल के रूप में इसकी काफी अहमियत है।
सुरंग भारत की लड़ाकू क्षमता को नहीं बढ़ा सकती
चीनी अखबार ने आगे लिखा कि शांतिपूर्ण वक्त में तो इस सुरंग से भारतीय सेना और आपूर्ति में बहुत मदद मिलेगी लेकिन जंग के वक्त, खासकर सैन्य संघर्ष में इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है। चाइना पीपल्स आर्मी के पास इस सुरंग को बेकार करने के कई तरीके हैं। भारत और चीन के लिए यही बेहतर है कि दोनों एक-दूसरे के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहें। ग्लोबल टाइम्स ने भारत को संयम बरतने की सलाह देते हुए कहा है कि उसे किसी भी उकसावे वाली गतिविधि से बचना चाहिए। कोई भी सुरंग भारत की लड़ाकू क्षमता को नहीं बढ़ा सकती है। भारत और चीन की लड़ाकू क्षमता में निश्चित तौर पर बड़ा फर्क है, खासकर भारत की जंग करने की क्षमता बिल्कुल भी व्यवस्थित नहीं है। भारत चीन की क्षमता से अभी बहुत दूर है।
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सीमा पर सैन्य मौजूदगी को मजबूत करना चाहती है मोदी सरकार
ग्लोबल टाइम्स में छापे इस लेख में आगे लिखा गया कि भारत चीन के साथ सटी सीमा पर सड़कें, पुल और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है। डारबुक-दौलत बेग ओल्डी (डीएसडीबीओ) रोड 255 किमी लंबी सड़क है जिसका निर्माण पिछले साल पूरा हुआ है। इसे बनाने में भारत को दो दशक लग गए। ये सड़क लद्दाख तक जाती है। इन सड़कों के अलावा, भारत की सरकार ने भारत-चीन सीमा पर सामरिक नजरिए से अहम 73 सड़कों की पहचान की है जिन पर सर्दी में भी काम होता रहेगा। चीनी अखबार ने आगे लिखा कि जंग के लिए तैयार इन सड़कों का भविष्य तीन व्यावहारिक पहलुओं पर निर्भर करता है। पहली बात कि भारत सरकार क्या चाहती है। मोदी सरकार को देखते हुए लगता है कि वो भारत-चीन सीमा पर सैन्य मौजूदगी को मजबूत करना चाहती है।
जंग छिड़ने पर अटल टनल काम नहीं आएगी
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की क्षमता सीमित है। इसके अलावा, पहाड़ी इलाके में सड़क बनाना बेहद मुश्किल काम है और भारत को ऐसी परियोजनाओं पर काम करने का अनुभव कम है। ग्लोबल टाइम्स ने अंत में लिखा है, अभी शांति का वक्त है और भारत को ये एहसास नहीं हो पा रहा है कि जंग छिड़ने पर अटल टनल काम नहीं आएगी। इस सुरंग के बनने से पूरा देश खुश है। लेकिन जहां तक भारतीय राजनेताओं की बात है, वे इसका इस्तेमाल सिर्फ दिखावे और अपने राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं। ये साफ तौर पर राजनीतिक प्रोपेगैंडा है। सुरंग जंग में काम आएगी या नहीं, भारतीय राजनेताओं के लिए ये विचार का विषय नहीं है बल्कि वे अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए इसे हथियार बना रहे हैं।