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युद्धपोत ‘विशाखापट्टनम’ भारतीय नौसेना में शामिल, चीन पर गरजे राजनाथ
Last Updated on November 21, 2021 by saroj patrwal
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को मुंबई डॉकयार्ड (Mumbai DockYard) में आयोजित समारोह में विध्वंसक युद्धपोत ‘विशाखापट्टनम’ (INS Visakhapatnam) को भारतीय नौसेना में शामिल किया। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले पांच सालों में भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण के बजट का दो तिहाई से अधिक भाग स्वदेशी खरीद पर खर्च किया गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि नेवी द्वारा ऑर्डर किए गए 41 शिप और पनडुब्बी में से 39 भारतीय शिपयार्ड से हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के प्रति यह नेवी की प्रतिबद्धता है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर चीन पर निशाना साधा। उन्होंने बगैर चीन का नाम लिए कहा कि वर्चस्ववादी प्रवृत्तियों वाले ‘कुछ गैर-जिम्मेदार देश’ अपने संकीर्ण पक्षपातपूर्ण हितों के कारण समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) को गलत तरीके से परिभाषित कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह चिंता की बात है कि यूएनसीएलओएस की परिभाषा की मनमानी व्याख्या कर कुछ देशों द्वारा इसे लगातार कमजोर किया जा रहा है। साथ ही अपना आधिपत्य जमाने और संकीर्ण पक्षपाती हितों वाले कुछ गैर-जिम्मेदार देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों की गलत व्याख्या कर रहे हैं। बता दें कि युद्धपोत विशाखापट्टनम छिपकर वार करने में सक्षम, स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत है। विशाखापट्टनम कई मिसाइल और पन्नडुब्बी रोधी रॉकेट से लैस है। इसे नौसेना के शीर्ष कमांडरों की मौजूदगी में सेवा में शामिल किया गया।
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