-
Advertisement
ये झरना कर देता है “पागल”
Last Updated on October 11, 2020 by Sintu Kumar
परस राम भारती/ बंजार। हिमाचल प्रदेश का कुल्लू जिला (Kullu district of Himachal Pradesh) पर्यटन की दृष्टि से यहां की बर्फीली चोटियों, कल-कल करती नदियों, झर-झर करते झरनों, शान्त और सुरम्य झीलों, घने जंगलों, सुन्दर वादियों और दर्रों के लिए विख्यात है। जिला के उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी (Teerthan Valley of Banjar)भी कई नजारों और खुबसूरत झरनों (Waterfall) से भरी पड़ी है। कोरोना काल के बाद यहां पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने लगी है। समूची तीर्थन घाटी के पहाड़ों पर कई छोटी बड़ी नदियों, नालों, झरनों, झीलों और खड्डों का जाल बिछा हुआ है। तीर्थन घाटी में ऊंचे पहाड़ों और घनघोर जंगल के बीच छिपे एक झरने का गिरता पानी हर किसी के मन और मस्तिष्क को शान्त कर देता है।
तीर्थन घाटी की दूर दराज ग्राम पंचायत श्रीकोट के शरेडा वार्ड के भरयाडा नामक स्थान पर यह प्राकृतिक झरना मौजूद है। इस झरने को स्थानीय भाषा में भरयाडा छो कहते हैं। यहां पर घाटी के महशूर स्थानीय देवता भरयाडू का पवित्र स्थान भी है। तीर्थन की जिस जल धारा से यह झरना बहता है इसका नाम भी भरयाडा गाड़/खड्ड है। इस स्थान पर दूर-दूर से लोग अपने देवता की पालकी रथ के साथ आते है और पूजा-अर्चना व धार्मिक अनुष्ठान करने के पश्चात वापस चले जाते हैं। कई श्रदालु झरने से थोड़ी दूरी पर स्थित गुफा में ही रात्रि विश्राम करते हैं। समूची तीर्थन घाटी के पहाड़ों, वक्षों, नदी नालों के संगम स्थलों, झीलों, झरनों आदि में यहां के देवताओं का वास होता है इसलिए तीर्थन घाटी को देवभूमि भी कहते हैं। बुजुर्गों का कहना है कि इन स्थानों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।