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शिमला। लगातार बर्फबारी से राजधानी में ठंड इतनी ज्यादा हो गई है कि पानी के नलके तक जम गए हैं। यहां न्यूनतम तापमान में भी भारी कमी आई है। शनिवार रात मार्च माह की सबसे ठंडी रात रही है। रविवार को शिमला में न्यूनतम तापमान -09 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पर्यटन नगरी मनाली में भी भारी ठंड है और वहां पर आज न्यूनतम तापमान -3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। राजधानी शिमला में आज मौसम साफ है और धूप भी खिली है, लेकिन ठंड से कोई निजात नहीं मिल रही। बीती रात मौसम साफ होने से ठंड में और बढ़ोतरी हुई और यहां पर पानी की पाइपें तक जम गईं। इससे लोगों को दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ ठंडी जगहों पर पानी की पाइपें भी टूट गई। लोग गर्म पानी से जमी हुई पाइपों को खोलने में जुटे हैं।
रविवार को छुट्टी के कारण लोग घरों में ही दुबके हैं और धूप में ठंड से कुछ राहत ले रहे हैं। कल भी यहां बहुत ठंड थी और ठंड के कारण यहां न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से 7 डिग्री कम चल रहा है। ठंड का प्रकोप राजधानी शिमला के अलावा मनाली, कुल्लू, सुंदरनगर, मंडी और कांगड़ा में भी है। पर्यटन नगरी मनाली भी कड़क ठंड की चपेट में है। वहां पर आज न्यूनतम तापमान माइनस 3.8 डिग्री रिकार्ड किया गया है। जनजातीय जिले किन्नौर के कल्पा में आज न्यूनतम तापमान माइनस 7 डिग्री रहा है। वहीं सोलन में भी बहुत ठंड है। वहां आज न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री रहा है। मंडी के सुंदरनगर में 1 डिग्री रहा है, जबकि नाहन में 2.7 डिग्री सेल्सियस, कांगड़ा में 2.8 डिग्री, भुंतर में 3.4 डिग्री और ऊना में 6.2 डिग्री रहा है। उधर, मौसम विभाग के स्थानीय केंद्र निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि आज ऊंचाई वाले कुछेक स्थानों पर मौसम खराब रह सकता है। निचले इलाकों में आज मौसम साफ रहेगा और कल से अधिकतर स्थानों पर मौसम साफ रहेगा।
खिली धूप में पहाड़ों पर चमक रही चांदी
कुल्लू। घाटी में चार दिन से लगातार बारिश-बर्फबारी के बाद अब मौसम साफ गया है और खिली धूप में पहाड़ों पर बर्फ चांदी की तरह चमक रही है। पहाड़ियों पर चांदी चमकने से मनमोहक नजारा देखने को मिल रही है घाटी की सभी पहाड़ियों पर बिछी बर्फ की चादर से तापमान में भारी गिरावट हुई है, वहीं मौसम खुलने से ठंड से लोगों ने राहत की सांस ली है। घाटी में बीते चार दिन से लगातार बारिश बर्फबारी से किसानों व बागवानों का कार्य प्रभावित हुआ था जिससे अब मौसम साफ होने से अपने कार्य में जुट जाएंगे। इन दिनों बागवान बगीचों में स्प्रे के साथ सेब के नए वृक्ष लगाने का कार्य कर रहे हैं जिसके लिए बारिश होने से बागवान खासे उत्साहित हैं और इस वर्ष सेब नाशपाती की अच्छी फसल की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं, किसान घाटी में बड़े स्तर पर सब्जियों की फसलें तैयार कर रहे हैं, जिससे टमाटर, गोभी, मटर के साथ लहसुन की फसल तैयार हो रही है। इस बारिश-बर्फबारी ने किसानों, बागवानों की उम्मीदें बांध दी हैं। इस बारिश-बर्फबारी से सेब की फसल अच्छी होने के कारण किसानों, बागवानों की आर्थिकी में लाभ होगा। वहीं, स्थानीय किसानों, बागवानों की मानें तो इस वर्ष अच्छी बारिश बर्फबारी से उन्हें लाभ मिलेगा जिससे सेब की अच्छी फसल होने की उम्मीद है।
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