- Advertisement -
नई दिल्ली। उत्तर भारत में आंधी तूफान का खतरा अभी टला नहीं है। जयपुर में भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक हिमांशु शर्मा के मुताबिक, राजस्थान में अगले 48 घंटों के दौरान तेज हवाओं के चलने से धूल भरा अंधड़ आने की आशंका है। इससे Uttar Pradesh और Rajasthan के सीमावर्ती क्षेत्र विशेषकर करौली, धौलपुर जिले प्रभावित हो सकते हैं।
कुदरत के इस कहर में अब तक करीब 129 लोगों की मौत हो चुकी है। आंधी-तूफान से कई घरों की छत और पेड़ उखड़ गए, बिजली व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। आपदा का सबसे ज्यादा असर Uttar Pradesh और Rajasthan पर पड़ा है। Uttar Pradesh में 73 लोगों के मारे जाने की सूचना है जिनमें से 46 मौतें सिर्फ आगरा में हुई हैं, वहीं Rajasthan में 41 और तेलंगाना में 7 लोगों की मौत हुई है, जबकि उत्तराखंड में 4 और झारखंड और पंजाब में दो-दो लोगों की जान गई है। इस दौरान सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
Uttar Pradesh और राजस्थान में आंधी-तूफान के कारण जनहानि पर दुख प्रकट करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को राज्यों के साथ समन्वय बनाने और प्रभावितों को तुरंत राहत सुनिश्चित करने को कहा है।
आगरा के अलावा, Uttar Pradesh में बिजनौर, बरेली, सहारनपुर, पीलीभीत, फिरोजाबाद, चित्रकूट, मुजफ्फरनगर, रायबरेली और उन्नाव भी प्रभावित हुए। अधिकारियों ने बताया कि Rajasthan में सबसे ज्यादा भरतपुर जिला प्रभावित हुआ। अधिकारियों ने बताया कि बिजली आपूर्ति धीरे-धीरे बहाल की जा रही है। राजस्थान आपदा प्रबंधन और राहत सचिव हेमंत कुमार गेरा ने बताया कि कुछ लोगों का इलाज चल रहा है जबकि कुछ को छुट्टी दे दी गई है। गंभीर रूप से घायल एक मरीज को धौलपुर से जयपुर भेजा गया है।
Rajasthan सरकार ने बताया कि आंधी प्रभावित जिला प्रशासन को आकस्मिक निधि कोष से राशि जारी की गई है। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता मिलेगी और घायलों को 60 हजार से दो लाख रुपए के बीच आर्थिक सहायता दी जाएगी। Rajasthan की सीएम वसुंधरा राजे ने प्राकृतिक आपदा पर दुख व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह पीड़ितों को हर संभव राहत पहुंचाए। वहीं, Uttar Pradesh के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबंधित जिलाधिकारियों को आंधी-तूफान और बारिश से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
- Advertisement -