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कोरोना के साथ एक “कहर” ये भी
Last Updated on April 23, 2021 by Deepak
शिमला। कोरोना के दौर में हिमाचल प्रदेश में मौसम ने जमकर कहर बरपाया है। हिमाचल में अप्रैल माह में बर्फबारी ने पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है तो बारिश ने भी 40 साल का रिकॉर्ड तोड डाला है। हाल यह है कि प्रदेश के तीन नेशनल हाईवे सहित कई सड़कें बंद हो गई हैं। मनाली में बर्फबारी का 25 साल का रिकॉर्ड टूटा है, यहां पर 1996 के बाद पहली बार अप्रैल माह में बर्फबारी हुई है। लाहुल समेत कुल्लू घाटी में बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बागवानी को बर्फबारी से खासा नुकसान हुआ है। शिमला में सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है। मटर की फसल भी तबाह हो गई है। राजधानी शिमला में बालुगंज के पास मार्ग अवरुद्ध हुआ है। मनाली, जलोड़ी जोत-आनी और किन्नौर में एनएच 5 बर्फबारी और ग्लेशियर आने से बाधित हुआ है। ठियोग,हाटकोटी मार्ग खड़ापत्थर के पास आवाजाही के लिए बंद हो गया है। कुल्लू के आनी में ट्रक और एचआरटीसी की बस पर पत्थर गिरे हैं। मंडी में मनाली चंडीगढ़ हाईवे पर पत्थर गिर रहे हैं। किन्नौर में रल्ली में हाइवे पर ग्लेशियर टूटा है और इससे एनएच पांच बाधित हुआ है। शिमला के नारकंडा में बर्फ गिर रही। हिमाचल प्रदेश में 24 अप्रैल तक मौसम खराब रहने का अनुमान है। उधर मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि हिमाचल में बर्फबारी व बारिश ने पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अप्रैल माह में बारिश व बर्फ़बारी का उनके पास 20 साल का ही रिकॉर्ड है, इसके मुताबिक़ ऐसी बर्फ़बारी नही हुई है। ताज़ा मौसम के बदलाव से तापमान में भी 8 से 10 डिग्री तक सामान्य से कम चल रहे है। शिमला में 1979 के बाद सबसे ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है।