गणपति बप्पा की एक मूर्ति जो पहाड़ पर अकेले विराजमान है

9वीं शताब्दी कीगणेश की मूर्ति तीन फीट लंबी और साढ़े तीन फीट चौड़ी है

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में ढोलकल पर्वत पर विराजमान है बप्पा

दंतेवाड़ा के इस मंदिर को ढोलकल गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है

इस पर्वत पर भगवान परशुराम औरबप्पा के बीच भयंकर युद्ध हुआ था

इसी युद्ध में परशुराम के हाथ के प्रहार से बप्पा का एक दांत आधा टूट गया

इस के बाद बप्पा के एक आधा दंत और दूसरे पूरे दांत वाली मूर्ति की पूजा होती है

इस प्राचीन मंदिर की खोज 1934 में एक विदेशी भूगोलवेत्ता ने की थी

पहाड़ की चोटी तक पहुंचने के लिए  5 किमी  कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है