मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल
का अंतरिम बजट 1 फरवरी को आएगा।
लेकिन 1 फरवरी को ही क्यों? पहले
ये 28 फरवरी को पेश किया जाता था।
क्या आपको मालूम है कि सालों पुरानी
परंपरा क्यों टूटी और किसने तोड़ा?
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण
जेटली 2017 में इस पुरानी
परंपरा को तोड़ा था।
इस परंपरा की शुरुआत
1860 के दशक में ईस्ट
इंडिया कंपनी ने की थी।
पुरानी परंपरा में एक
अप्रैल से नई नीतियों के
लिए बहुत कम समय था।
इसीलिए बजट को 28 फरवरी की
जगह 1 फरवरी को पेश किया जाता है।
अरुण जेटली ने रेल बजट
पेश करने की परंपरा को
भी खत्म कर दिया था।