-
Advertisement
सुंदरनगर में फंसा West Bengal का परिवार, मदद को आए ये लोग, दो माह से कर रहे सेवा
Last Updated on May 20, 2020 by Deepak
सुंदरनगर। विश्व भर में फैली कोरोना महामारी से जहां देश पर संकट है तो कोरोना के लगातार बढ़ते मामले चिंता का विषय बनते जा रहे हैं और जब से देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है तब से लाखों लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर (Sundernagar) में भी देखने को मिला है यहां पिछले 2 महीने से पश्चिम बंगाल (West Bengal) का एक परिवार फंसा है और घर जाने की आस लगाए बैठा है। इस परिवार की जब सारी आस टूट गई थी तो इनको सहारा दिया सुंदरनगर के बंसल परिवार ने जो अभी तक इस परिवार की मदद कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: कोरोना का खौफः मंडी में SP Office से लेकर थानों तक SOP लागू
45 हजार के टूअर पैकेज पर आए थे हिमाचल
पश्चिम बंगाल के कोलकाता का 4 सदस्यीय परिवार 21 मार्च से सुंदरनगर में फ़ंसा है और घर वापसी का इंतजार कर रहा है। यह परिवार हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) घूमने के लिए 45 हजार रुपए का टूअर पैकेज लेकर आया था, लेकिन टूअर पैकेज वालों ने भी इस परिवार को सुंदरनगर में छोड़ कर अपना पल्ला झाड़ लिया। सुंदरनगर के पुंघ के साथ लगते होटल के एक कमरे में कोलकाता निवासी इस परिवार के चार सदस्य मुश्किल में हैं। उनके पास पैसे भी खत्म हो रहे हैं। कोलकाता निवासी स्वजल मंडल, पत्नी रुपाली मंडल, बेटी फेंटासी मंडल और बेटा आबिर मंडल 16 मार्च को कालका से रेल के जरिये शिमला पहुंचे थे। वहां से ये लोग 18 मार्च को मनाली रवाना हुए तब तक कोरोना वायरस ने देश में हड़कंप मचा दिया था। ये लोग वापस जाने के लिए 21 मार्च को टैक्सी करके निकले। टैक्सी चालक ने उन्हें सुंदरनगर छोड़ दिया।
यह भी पढ़ें: गगरेट: नर्सरी में पानी के Tank में मिली लापता 10 साल के बच्चे की लाश
होटल के कमरे में गुजार रहे थे दिन, मदद को आया बंसल परिवार
इन्होंने सोचा कि सुबह होते ही यहां से निकल जाएंगे लेकिन 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और उसके बाद लॉकडाउन हो गया। इन लोगों ने कोलकता में अपने पड़ोसियों से कुछ पैसे फोन करके मंगवाए जो खाने-पीने और होटल के कमरे के किराये में खत्म हो रहे थे। कमरे का किराया 500 रुपये प्रतिदिन था। होटल मालिक ने हालांकि परिवार की मजबूरी को देखते हुए उन्हें एक और कमरा बिना किराये के दे दिया। दिन में ये लोग एक समय खाना खाते थे जिस पर 500 रुपये खर्च होते थे। कोलकाता में जिन लोगों को पैसा मंगवाने के लिए फोन कर रहे हैं, उनमें से कइयों के फोन बंद हैं और कई फोन सुन नहीं रहे हैं। जब इस परिवार के फंसे होने की सूचना सुंदरनगर के स्थानीय निवासी केएल बंसल और उनके बेटे प्रकाश चंद बंसल को लगी तो उन्होंने इस परिवार को अपने घर में शरण दी और इन्हें खाने-पीने की हर चीज भी उपलब्ध करवा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: Palampur के ग्वालटिक्कर में जलशक्ति विभाग में कार्यरत कर्मी का Murder
सरकार से की जल्द घर भेजने की मांग
पश्चिम बंगाल के परिवार की बेटी फेंटासी मंडल का कहना है कि जबसे देश में लॉकडाउन चला है तब से हम सुंदरनगर में फंसे हैं और बंसल परिवार ने हमें अपने घर में शरण दे रखी है। उनका कहना है कि बंसल परिवार का कर्ज़ हम जीते जी नहीं भूल सकते। हमारा हिमाचल सरकार और वेस्ट बंगाल सरकार से आग्रह है कि उनके घर जाने की व्यवस्था बनाई जाए। सुंदरनगर के केएल बंसल ने बताया कि यह परिवार पिछले 2 महीने से यहीं पर रुका हुआ है और इन्हें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस आपदा की घड़ी में वे इस परिवार के साथ हर पल खड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें इस परिवार की सहायता करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।