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नई दिल्ली। महामारी कोरोना (COVID-19) ने पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया है। चीन से लेकर भारत तक, अमेरिका से लेकर रूस तक सभी महामारी की मार झेल रहे हैं। वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए डाक्टर्स से लेकर वैज्ञानिकों तक ने सोशल डिस्टेंसिंग की बात कही है। दुनियाभर के 200 से ज्यादा देशों में करीब 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 5 लाख से ज्यादा संक्रमित मरीज मिले हैं। ऐसे में रोजाना बढ़ते हुए मामलों की संख्या देखते हुए लोगों के मन में भय व्याप्त हो गया है। भारत को 21 दिनों के लिए लॉक डाउन पर रखा गया है। जिसके चलते लोग अपने-अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। इस बीच इस महामारी को लेकर अफवाहों का बाजार भी गरम है। ऐसे में WHO ने सारे भ्रम दूर करने के लिए एक ग्राफिकल प्रेजेंटेशन तैयार किया है।
COVID-19 का गर्म और उमस वाली जगह पर ज्यादा
WHO ने बताया है कि अभी तक जो तथ्य मिले हैं, उससे साफ है कि COVID-19 किसी भी इलाके में फैल सकता है। खासकर वहां, जहां वातावरण गर्म और उमस वाला हो।
ठंड या बर्फबारी का कोई असर नहीं
WHO के मुताबिक, ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि ठंड का मौसम नए कोरोना वायरस को मार देगा।
गर्म पानी से नहाने पर भी कोरोना को नहीं रोक सकता
WHO के मुताबिक, रोजाना गर्म पानी से नहाने पर भी कोरोना वायरस को रोका नहीं जा सकता। यह ऐसा संक्रमण है जिस पर तापमान का कोई असर नहीं।
मच्छरों से नहीं फैलता कोरोना वायरस
WHO के मुताबिक, अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोनो वायरस मच्छरों से भी फैल सकता है।
हैंड ड्रायर्स से नहीं मरता कोरोना वायरस
नहीं, WHO के मुताबिक, कोई भी हैंड ड्रायर्स COVID-19 को मारने में सक्षम नहीं है।
अल्ट्रावॉयलट लैंप्स से मर सकता है कोरोना?
नहीं, WHO ने मानना है कि अपने हाथ या शरीर के किसी भी हिस्से को सुखाने के लिए UV लैंप्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। UV रेडिएशन आपकी स्कीन को खराब कर सकती है।
थर्मल स्कैनर्स से हो सकती है पहचान?
WHO के मुताबिक, थर्मल स्कैनर काफी हद तक शरीर के तापमान को मांपने में कारगार हैं। कोरोना वायरस की वजह से बढ़ने वाले शरीर के तापमान की जांच हो सकती है।
अल्कोहोल या क्लोरिन छिड़कने से खत्म हो सकता है कोरोना?
WHO के मुताबिक, अल्कोहोल या क्लोरिन को अपने शरीर पर छिड़कने से कोरोना वायरस बिल्कुल खत्म नहीं होगा। क्योंकि, वो पहले ही आपके शरीर में घुस चुका होगा।
निमोनिया की दवा कोरोना में कारगार है?
नहीं, WHO का मानना है कि निमोनिया की दवा जैसे कि न्यूमोकोकल वैक्सिन या ह्यूमोफिलस इन्फ्लूएंजा (Hib) वैक्सिन किसी भी तरह से कोरोना को रोकने में नाकाम है।
क्या नमक वाले पानी से नाक धोते रहने से कोरोना वायरस से बचाव होता है?
नहीं, ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि नियमित नमक वाले पानी से नाक धोते रहने से कोरोना वायरस से बचाव होता है।
क्या लहसून खाने से कोरोना को रोका जा सकता है?
लहसून एक बहुत ही पोष्टिक आहार है। इसमें कई तरह के एंटी माइक्रोबिएल प्रॉपर्टीज होती हैं। लेकिन, ऐसा कोई प्रमाण नहीं कि इसे खाने से कोरोना वायरस को रोका जा सकता है।
क्या कोरोना वायरस बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक है?
किसी भी उम्र के लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं के लिए भी अतिसंवेदनशील है।
एंटीबायोटिक कोरोना वायरस को रोकने या इलाज में असरदार हैं?
नहीं, बिल्कुल नहीं। WHO के मुताबिक, एंटीबायोटिक वायरस के खिलाफ बिल्कुल असरदार नहीं है। ये सिर्फ बैक्टिरियल इन्फैक्शन को मार सकती हैं।
क्या कोरोना वायरस के इलाज के लिए कोई दवा है?
WHO के मुताबिक, आज तक की तारीख में कोई दवा कोरोना वायरस के इलाज के लिए नहीं है।
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