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नई दिल्ली। बैंकों की मौजूदा माली हालत को देखते हुए आपके खाते में जमा एक लाख रुपए से ज्यादा की रकम के वापस मिलने की कोई गारंटी नहीं है। सरकार केवल एक लाख तक की जमा रकम की गारंटी ले रही है। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि अगर बैंक डूब जाए तो बाकी की रकम वापस करने की गारंटी कौन देगा। केंद्र सरकार को एक जनहित याचिका में हलफनामा पेश करना होगा।
बैंक खाते में एक लाख रुपए तक की जमा रकम पर ही सरकार की गारंटी के नियम को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने पूछा है कि अगर बैंक का दीवाला निकल जाए तो बाकी की जमा रकम का क्या होगा?
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से बहुत गंभीर सवाल पूछा है। यह सवाल बैंक में खाता खोलने वाले की गाढ़ी कमाई से जुड़ा है। इसे यूं समझ सकते हैं कि अगर आपने अपने बैंक खाते में 5 लाख रुपए जमा करा रखे हैं तो सरकार केवल एक लाख रुपए की जमा राशि की वापसी का वादा कर रही है। बाकी के 4 लाख के बारे में सरकार कोई गारंटी नहीं दे रही है। अगर बैंक डूबा तो आपको 4 लाख रुपए वापस मिलेंगे या नहीं, इसका कोई भरोसा नहीं है।
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन और जस्टिस वीके राव ने केंद्र सरकार से ये सवाल पूछा और हलफनामा सौंपने को कहा है। मौजूदा व्यवस्था में बैंक में रखी आपकी जमा राशि पर सुरक्षा कवर मिलता है। DICGC के नियमों के मुताबिक बैंक में रखी आपकी पूरी जमा राशि में से अधिकतम 1 लाख रुपये की राशि पर इंश्योरेंस कवर मिलता है।
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