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गुवाहाटी। गुवाहाटी हाई कोर्ट (Guwahati High Court) ने तलाक (Divorce) के लिए दी गई एक याचिका स्वीकार करते हुए एक बड़ा ही अजीबोगरीब बयान दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि हिंदू शादी में पत्नी (Wife) का सिंदूर लगाने और शंखा (शंख-सीप से बनी चूड़ियां) पहनने से इनकार करना दिखाता है कि उसे शादी स्वीकार नहीं है। जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस सौमित्र सैकिया की डबल बेंच ने आगे कहा कि इन परिस्थितियों में अगर पति (Husband) को पत्नी के साथ रहने को मजबूर किया जाए तो यह उसका उत्पीड़न माना जा सकता है। बता दें कि हाई कोर्ट से पहले फैमिली कोर्ट ने पति की तलाक याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने पाया था कि पति पर कोई क्रूरता नहीं हुई है।
मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि पति ने निचली अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि पत्नी ने सख और सिंदूर पहनने से इनकार कर दिया था। जिस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हिंदू विवाह की प्रथा के तहत, एक महिला जो हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी में शामिल हुई है, और जिसे उसके साक्ष्य में प्रतिवादी द्वारा इनकार नहीं किया गया है, उसके ‘संख और सिंदूर’ पहनने से इनकार करने को अपीलकर्ता के साथ विवाह को स्वीकार करने से इनकार करने का संकेत माना जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार फरवरी 2012 में इस कपल की शादी हुई थी। पति ने आरोप लगाया कि शादी के एक महीने बाद ही पत्नी उसके ऊपर परिवार से अलग रहने का दबाव बनाने लगी। उसने कहा कि वह जॉइंट फैमिली में नहीं रहना चाहती। पति ने आरोप लगाया कि उसने परिवार से अलग होने से इनकार किया तो दोनों के बीच झगड़े होने लगे। पत्नी ने गर्भ भी धारण नहीं किया। पति ने कोर्ट में कहा कि पत्नी ने 2013 में उसका घर छोड़ दिया। उसके और उसके घरवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। हालांकि पति और उसके रिश्तेदारों को बाद में पत्नी की ओर से लगाए गए आरोपों से हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था।
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