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नई दिल्ली। अब RFID के टैग के बिना कोई भी वाहन दिल्ली (Delhi)में प्रवेश नहीं कर सकेगा। नियम तोड़ने वालों को जुर्माना भरना पड़ेगा। जिसकी वजह से ट्रांसपॉर्टर्स (Transport)और ट्रांसपॉर्टर्स यात्रियों को अगले कुछ दिनों तक परेशानियों को सामना करना पड़ेगा। वहीं अधिकारियों ने दावा किया है कि यह महज एक शुरुआती मुश्किल है। अधिकारियों का कहना है कि कमर्शियल वाहनों में अनिवार्य RFID टैगिंग लंबे समय के लिए काफी लाभदायी होगा। यह प्रदूषण नियंत्रण, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने, और दिल्लीवासियों को सीमावर्ती इलाकों में निर्बाध मूवमेंट उपलब्ध करवाएगा।
वहीं दक्षिणी दिल्ली (South delhi) नगर निगम के आयुक्त रंधीर सहाय ने बताया कि गैर-पंजीकृत वाहनों को 24 अगस्त से दोगुना पर्यावरण (environment) भुगतान देना होगा। उसके बाद जुर्माने की राशि चार गुना और फिर तीसरे सप्ताह छह गुना कर दी जाएगी। अब तक लगभग 1.7 कमर्शियल वाहनों ने प्री-रजिस्टर करवा लिया है। अब उन्हें टोल बूथ (Toll booth) पर टैक्स देने के लिए नहीं रुकना होगा। क्योंकि जैसे ही वाहन टोल बूथ से गुजरेंगे तो चिह्नित टैग पर मौजूद रेडियो फ्रिक्वेंसी सेंसर को पढ़ने के बाद अपने-आप टैक्स कट जाएगा। हम उम्मीद कर रहे हैं कि एक महीने के भीतर दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी कमर्शियल वाहन RFID से लैस होंगे।
टेकसाइडल के प्रतिनिधि के अनुसार इस योजना का मकसद टोल भुगतान न देने वाले कमर्शियल वाहनों को रोकने वाले बाउंसर्स को हटाना भी है। हर लेन में तीन कैमरे हैं। वाहनों के नंबर प्लेट को रिकॉर्ड किया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोई भी ड्राइवर अगर इस सिस्टम के तहत एंट्री करने की कोशिश करता है तो उसको 15 मिनट पहले ही उनके ई-वॉलिट में रिचार्ज करना होगा।
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