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बिलासपुर। जिला के झंडुत्ता विस क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत जांगला के सुंदडू गांव की चंपा देवी रसोई और टेंट में अपने दो बच्चों के साथ गुजर-बसर कर रही है। 6 महीने पहले बरसात के चलते उसका मकान ढह गया था, जिसके बाद से वह टैंट में रह रही है। हैरानी की बात यह है कि पंचायत और प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उसे कोई राहत नहीं मिल पाई है।
एक तरफ प्रदेश सरकार हर मंच से बेसहारा परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर उत्थान के लिए बातें करती हैं पर पंचायत और जिला प्रशासन की बेरुखी से विधवा परिवार को अभी तक कोई राहत न मिलना अपने आप में प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। वर्तमान में विधवा चंपा देवी को परिवार के पालन पोषण के लिए दिक्कत उठानी पड़ रही है। इतना ही नहीं आर्थिक तौर पर कमजोर चंपा के परिवार को अभी तक आईआरडीपी तक में शामिल नहीं किया गया है। उधर पंचायत प्रधान किशोरी लाल का कहना है कि महिला के मकान बनाने के लिए कागजात भेजे हैं लेकिन अभी तक कोई मंजूरी नहीं मिल पाई है। उन्होंने महिला को आईआरडीपी में भी डालने की बात कही है।
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