-
Advertisement
गुजरात की महिला ने विरोध स्वरूप बॉम्बे हाईकोर्ट की महिला न्यायमूर्ति को भेजे 150 Condom
Last Updated on February 18, 2021 by
नागपुर। गुजरात के शहर अहमदाबाद की एक महिला ने कथित तौर पर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) की अतिरिक्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति पुष्पा वी गनेडीवाला (Justice Pushpa V Ganediwala) को कंडोम के पैकेट (Condom Packets) भेजे हैं। अहमदाबाद की इस महिला ने न्यायमूर्ति पुष्पा वी गनेडीवाला करीब 150 कंडोम भेजे हैं। दरअसल महिला ने विरोध जताने के लिए न्यायमूर्ति पुष्पा वी गनेडीवाला को कंडोम (Condom) भेजे हैं। आपको बता दें कि हाल ही में न्यायमूर्ति पुष्पा वी गनेडीवाला हाल ही में यौन शोषण (Sexual Exploitation) से जुड़े दो मामलों में फैसला सुनाया था। इसके बाद से बाद न्यायमूर्ति पुष्पा वी गनेडीवाला चर्चा में आई गई थीं।
ये भी पढ़ेः फौजी की कमर पर थी बंदूक,रोता हुआ बच्चा बोला-Gun चाहिए
दरअसल न्यायमूर्ति पुष्पा वी गनेडीवाला (Justice Pushpa V Ganediwala) ने अपने फैसलों में कहा था कि 12 साल की बच्ची का टॉप उतारे बिना स्तन छूना और किसी बच्ची का हाथ पकड़कर पैंट की चेन खोलना पॉस्को एक्ट तहत अपराध नहीं है। इसके बाद देश भर में उनकी जमकर आलोचना भी हुई थी और देश भर में लोगों ने काफी तीखी प्रतिक्रियाएं दी थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली देवश्री त्रिवेदी ने ये कंडोम न्यायमूर्ति पुष्पा वी गनेडीवाला को भेजे हैं। देवश्री त्रिवेदी का उन्होंने जस्टिस पुष्पा के फैसले का विरोध जताने के लिए उनके घर और दफ्तर के पते पर कंडोम के पैकेट भेजे हैं। देवश्री त्रिवेदी ने कहा कि जस्टिस पुष्पा का मानना है कि अगर त्वचा को नहीं छुआ गया तो फिर यौन शोषण नहीं हो सकता।
ये भी पढ़ेः किसानों के #RailRoko आंदोलन में देखिए जम्मू से लेकर बिहार तक कैसा चल रहा असर
इसलिए मैंने उनको कंडोम भेजकर बताया है कि इसका इस्तेमाल करने पर भी स्किन नहीं छुई जाती। इसे क्या कहा जाएगा। देवश्री त्रिवेदी का कहना है कि मैंने एक चिट्ठी भी न्यायमूर्ति पुष्पा वी गनेडीवाला को लिखी है और उनके फैसले का पुरजोर विरोध दर्ज करवाया है। उन्होंने जस्टिस गनेडीवाला को निलंबित किए जाने की भी मांग उठाई है। उधर, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नागपुर बेंच के रजिस्ट्री ऑफिस की ओर से बताया गया कि अभी तक उनके यहां इस प्रकार का कोई पैकेट आया ही नहीं है। इसके अलावा नागपुर बार एसोसिएशन के वकील श्रीरंग भंडारकर ने कहा कि यह अवमानना है और इस हरकत के लिए महिला के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।