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Una: बच्ची की मौत के बाद DC के दर पहुंची महिला, निजी अस्पताल पर लगाए संगीन आरोप
Last Updated on March 2, 2020 by Deepak
ऊना। दो बच्चों की मौत के बाद सुर्खियों में आए जिला के एक निजी शिशु अस्पताल के खिलाफ शिकायतों की फेहरिस्त में आज एक और शिकायत जुड़ गई है। ऐसे ही मामले में 22 फरवरी को पीजीआई (PGI) में मृत घोषित की गई 7 दिन की नवजात बच्ची के माता-पिता ने सोमवार को डीसी (DC) दरबार पहुंच निजी अस्पताल प्रबंधन पर बेहद संगीन आरोप जड़ते हुए शिकायत पत्र सौंपा है। बंगाणा उपमंडल के हथलौण की निवासी इंदू बाला और उसके पति मलकीयत सिंह ने बच्ची के उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। महिला ने डीसी से न्याय दिलाने की गुहार लगाते हुए मांग की है कि उक्त निजी अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया जाए।
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इंदू बाला ने कहा कि उसकी डिलीवरी 15 फरवरी को ऊना के ही एक निजी अस्पताल में हुई थी, जहां उन्हें बताया गया कि उनकी नवजात बच्ची को सांस लेने में दिक्कत पेश आ रही है, जिसके चलते उसे बच्चों के ही निजी अस्पताल भेजा जा रहा है। जहां उसे मात्र दो घंटे रखा जाएगा, लेकिन बच्ची दो दिन तक उसी अस्पताल में रही । 21 फरवरी तक उसे निजी अस्पताल में रखने के बाद उसे चंडीगढ़ स्थित बच्चों के ही बेदी अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां से उन्हें पीजीआई भेज दिया गया। जहां उसकी मौत हो गई।
महिला का आरोप, हर रोज 10 से 15 हजार लेता है अस्पताल रसीद भी नहीं देते
महिला ने ऊना के निजी अस्पताल पर बेहद संगीन आरोप जड़ते हुए कहा कि अस्पताल में उनसे यह पूछा जाता है कि आप क्या करते हैं और बच्चे पर कितना खर्च कर सकते हैं। महिला ने बताया कि जितने दिन उनकी बच्ची ऊना के विवादित निजी अस्पताल में रही, उनसे रोजाना कभी 10 तो कभी 15 हजार रुपए जमा करवाए जाते रहे, जबकि उन्हें रसीद तक नहीं दी गई। न ही उनकी बच्ची ठीक हो सकी। महिला ने डीसी से न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।