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बिंदिया ने किया कुछ ऐसा कि बदल गई परिवार की आर्थिक हालत
Last Updated on February 6, 2020 by
धर्मशाला। उद्यमशीलता की अद्भुत मिसाल कायम करने वाली सराह धर्मशाला( Sarah village of dharmshala) की बिंदिया इस कहावत को सही रूप से चरितार्थ करती हैं कि यदि मन में कुछ करने का जज्बा और लग्न हो तो बड़ी से बड़ी बाधाओं को भी पार किया जा सकता है। बिंदिया ने जिंदगी की तमाम बाधाओं को पार करते हुए अपने घर की आर्थिक स्थिति( financial condition) को बदल डाला है और एक नई सामाजिक पहचान बनाई है। एक समय ऐसा भी था जब बिंदिया सोचा करती थी कि क्या कभी वह एक सुखद जीवन का आनंद ले पाएगी। शायद वह नहीं जानती थी कि सुखद भविष्य उसकी राह देख रहा है। स्नातक तक पढ़ी बिंदिया एक मध्यम वर्गीय परिवार की महिला है और उसके पति कम आमदनी से घर का पूरा खर्च उठाया करते थे हालांकि बिंदिया अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए कुछ काम ढूंढना चाहती थी किंतु जागरूकता के अभाव में वह ऐसा नहीं कर पा रही थी। वह स्टीचिंग का काम किया करती थीए जिससे वह थोड़ा बहुत कमा लेती थी, लेकिन वह पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थी।
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इसी बीच बिंदिया को पीएनबी आसेटी धर्मशाला से निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी मिली। वह तुरंत संस्थान पहुंची और ड्रेस डिजाइनिंग कोर्स के प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर दिया। यह 30 दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम उनके लिए ज्ञानवद्र्धक व प्रेरणादायक सिद्ध हुआ। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उनके जीवन में परिवर्तन का आधार बना। बिंदिया बताती हैं कि उन्होंने स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए 50 हजार रूपए स्वयं से निवेश किए। बिंदिया की उद्यमशीलताए कड़े परिश्रम और गुणवता के प्रति प्रतिबद्धता से उन्हें अपना कारोबार बढ़ाने में सहायता मिली। उन्होंने श्यामनगर में किराए की दुकान लेकर सिलाई का काम शुरू किया और कुछ समय के अंतराल में बिंदिया ने फैशन डिजाइनिंग में अपना व्यवसाय स्थापित कर लिया। अब वह 8 हजार रुपए हर महीने कमा रही हैं तथा अपने परिवार को खुशहाल जीवन प्रदान करने में गर्व महसूस कर रही हैं।संस्थान जरूरतमंद एवं इच्छुक लोगों को स्वरोजगार आरंभ करने के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण देता है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर हो सकें।
पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान,निदेशक महेंद्र सिंह बताते हैं कि संस्थान 18 से 45 वर्ष तक की महिलाओं और पुरूषों को डेयरी फार्मिंग, खुंब उत्पादन, सब्जी नर्सरी प्रबंधन और सब्जियों की खेती, आलू एवं प्याज की खेती और प्राकृतिक सरंक्षण,अचार और पापड़, खिलौने , डूने पत्तल, कपड़े के बैग तथा मोबाइल रिपेयरिंग जैसे विभिन्न रोजगारपरक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण की समाप्ति पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र दिए जाते हैं, जिसके द्वारा वे स्वरोजगार हेतु जिला कांगड़ा के किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।