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Karwa Chauth Special: व्रत वाले दिन महिलाएं भूलकर भी न करें ये काम
हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। महिलाओं को करवा चौथ का बेसब्री से इंतज़ार रहता है। इसके पीछे वजह भी कई है। पूरे साल वे इस खास दिन के लिए तैयारियां करती हैं। उन्हें सजने संवरने की पूरी छूट होती है। इस दिन विवाहित महिलाओं द्वारा सोलह श्रृंगार करना महत्वपूर्ण माना जाता है। अपने श्रृंगार से महिलाएं अपने पति को दोबारा अपना दुल्हन जैसा रूप दिखाती हैं तो वहीं निर्जला उपवास रखकर अपने रिश्ते की लंबी उम्र की कामना करती हैं। हर व्रत और उपवास की तरह करवा चौथ के भी अपने कुछ नियम हैं। विवाहित महिलाओं द्वारा व्रत और पूजा करने की खास विधि है। अगर इस दिन कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा जाएगा तो इस व्रत को करना ही व्यर्थ हो जाएगा। इस त्योहार की लोकप्रियता बढ़ जाने की वजह से अब इस दिन उपवास रखने वाली महिलाओं की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है जिनमें कई अविवाहित लड़कियां भी शामिल हैं। ऐसे में इस व्रत के नियमों की सही जानकारी होना बहुत ज़रूरी है। इस दिन आपके द्वारा की गई कोई एक गलती आपके व्रत के पूरे प्रयास को खत्म कर सकती है।
- पूरे दिन व्रत का समय जल्दी गुज़ारने के लिए कई महिलाएं सिलाई कढ़ाई का काम करने लगती हैं। कुछ तो बुनाई के काम में खुद को व्यस्त कर लेती हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी ना करें। करवा चौथ के दिन ये काम प्रतिबंधित माने गए हैं।
- पूजा के दौरान आपके वस्त्रों का रंग मायने रखता है। इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं काले रंग के कपड़ों का इस्तेमाल ना करें। इसके अलावा आप सफ़ेद रंग भी ना लें। शादीशुदा महिलाओं के लिए काला रंग अच्छा नहीं माना जाता है। किसी पूजा पाठ के मौके पर आप काले और सफ़ेद रंग के कपड़े ना पहनें। सफ़ेद चीज़ें जैसे दूध, दही या चावल का दान ना करें।
- इस दिन कैंची का प्रयोग भी बहुत अशुभ माना जाता है। घर में कैंची का इस्तेमाल आम बात है लेकिन करवा चौथ के दिन कपड़े ना काटें। हो सके तो एक दिन के लिए इसे कहीं छिपा कर रख दें ताकि आपकी नज़र भी कैंची पर ना पड़े।
- किसी के लिए बुरा न सोचें न ही किसी की चुगली करें। किसी की पीठ पीछे बुराई करने के बजाय धार्मिक संगीत सुनकर वक़्त बिताएं। 10. दिन भर अपने पति के बारे में सोचें। मन में किसी और का ख्याल भी ना लाएं।
- ये व्रत आप अपने पति के लिए कर रही हैं तो उनसे प्रेम से बात करें। उनका अपमान करने का विचार भी मन में ना लाएं। कोई विवाहित महिला पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर विधि के साथ पूजा पाठ करती है लेकिन अपने पति के साथ झगड़ा कर लेती है तो उसका सारा व्रत व्यर्थ चला जाएगा। ऐसी पूजा का कोई लाभ ही नहीं है जिसमें आप अपने पति का अपमान कर देती हों।
- आज के दिन सुहाग की कोई भी चीज़ कूड़े में ना फेंके। इससे व्रत का फल नहीं मिलता। पूजा के लिए तैयार होते वक़्त यदि चूड़ियां टूट जाये तो उन्हें बहते जल में प्रवाहित कर दें। घर में ना रखें, अशुभ होता है।
- समय व्यतीत करने के लिए कुछ महिलाएं ताश के पत्तों का सहारा लेती हैं लेकिन व्रत के दिन ऐसा ना करें। हमेशा से ही बड़ों का सम्मान करना सिखाया जाता है। व्रत के दिन तो खासतौर से इस नियम का पालन करें और अपनों से बड़ों का अपमान ना करें।
- पूरे दिन उपवास के बाद तामसिक भोजन बिल्कुल ना करें। किसी भी तरह के नशे से दूर रहें और धूम्रपान भी ना करें।