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धर्मशाला। राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने धर्मशाला में भारत सरकार द्वारा प्रायोजित “कृषि -क्लीनिक व कृषी-व्यवसाय केन्द्र” पर आज जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ जिला अग्रणी बैंक पीएनबी के अधिकारी हरविंदर सिंह ने किया। कार्यशाला में उपस्थित आरएन जमालटा, महाप्रबन्धक-केपीआरडीबी, वित्तीय सलाहकार कुलवीर कटोच, बैंकर्स, पशुपालन, बागवानी, आत्मा व कृषि विभाग,सवेरा संस्थान, ग्रामीण सेवा आश्रम व किसान प्रतिनिधि मौजूद रहे। कार्यशाला का संचालन नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक अरुण खन्ना द्वारा किया गया। प्रतिभागियों को एसीएबीसी योजना (एग्री क्लीनिक और एग्री बिजिनेस केन्द्र योजना) के दिशानिर्देशों और योजना के कार्यान्वयन में परिचालन सम्बन्धी आने वाली समस्याओं के बारे में बताया गया।
इस बात पर विशेष रूप से बल दिया गया कि बैंक शाखा अधिकारी एक कृषि क्लीनिक की सोच के साथ कम से कम उनके कार्य क्षेत्र में वर्ष में एक कृषि संबंधी उद्दम के लिए ऋण प्रदान करें। योजना के अंतर्गत एग्रीकल्चर ग्रेजुएट 20 लाख तक का प्रोजेक्ट लगा सकते हैं। पहाड़ी क्षेत्र के लिए सब्सिडी परियोजना लागत का 44 फीसदी और सामान्य वर्ग व गैर पहाड़ी क्षेत्र के लिए 36 फीसदी उपलब्ध है। नाबार्ड के डीडीएम ने अवगत करवाया कि एक छत के नीचे किसानों को कृषि से संबन्धित जानकारी उपलब्ध है ताकि किसान अपनी फसलों को वैज्ञानिक तरीके से उपजा सकें तथा अपनी आय को दोगुना कर सकें। जिला विकास प्रबन्धक ने प्रतिभागियों को समस्त सरकारी योजनाओं और विशेष रूप से एग्री-क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केन्द्र योजना को सक्रिय रूप से कार्यान्वित करने के लिए अनुरोध किया।
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