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यहां निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाने पड़ते है मरीज
जोगिंद्रनगर। हिमाचल प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के दावे उस समय हवा हो जाते हैं, जब मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं हो पाती। पिछले कल रात को भी हुए ऐसा ही हुआ जब मरीज को असप्ताल पहुंचाने के लिए ना तो सिविल अस्पताल जोगिन्दरनगर और ना ही सिविल अस्पताल लडभड़ोल में 108 एंबुलेंस मिल पाई। हालांकि सिविल अस्पताल जोगिन्दर नगर में एक 108 एम्बुलेंस तो है पर लडभड़ोल में तो वो भी नहीं है। हुआ ये कि दो गंभीर मरीजों को टांडा मेडिकल कॉलेज के लिए रैफर किया गया। उनमें से एक हार्ट के मरीज दर्द से कराह रहे थे तथा दूसरे मरीज का ब्लड प्रैशर बहुत बढ़ा हुआ था तथा नाक से खून भी बह रहा था। दोनों ही मरीज गंभीर अवस्था में थे, लेकिन अस्पताल में उस वक्त एक भी 108 एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं थी। अस्पताल की एक मात्र 108 एम्बुलेंस कुछ देर पहले ही किसी अन्य मरीज को लेकर टांडा रवाना हुई थी। 108 एम्बुलेंस उपलब्ध न होने के कारण गंभीर हालत में एक मरीज को रात साढ़े 10.30 बजे तथा दूसरे मरीज को रात 11 बजे प्राइवेट वाहनों के माध्यम से टांडा ले जाया गया। इसके अलावा एक युवक जिसे सांप ने डंसा था उसे भी निजी वाहन से टांडा लाया गया। अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर क्या कर रहे हैं