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चंबा की इस बेटी के हाथों में है जादू
पिता की कला को संजोए रखने का बीड़ा चंबा की एक बेटी ने उठाया है। चंबा शहर के चमेशनी मोहल्ले की रहने वाली लता के पिता पूर्ण चंद का निधन चार वर्ष पहले हो गया था। उनके पिता पूर्ण चंद मूर्तिकला के बेहतरीन कारीगर थे। लता ने पिता के मूर्तिकला के हुनर को जिंदा रखने की सोच को लेकर मूर्ति बनाने का काम शुरू किया। लता ने इस वर्ष भी काली माता की मूर्ति बनाई। काली माता की मूर्ति को मां ज्वाला जी मंदिर से सुल्तानपुर वार्ड के माई का बाग मोहल्ला में लाई गई माता की ज्योति के साथ रखा जाएगा।
37 वर्षीय लता ने बताया कि पराली, लाल मिट्टी गुरीन्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस, कच्ची रस्सी, फट्टे, मलमल का कपड़ा और अलग-अलग रंगों का प्रयोग करते हुए करीब 20-25 दिन की कड़ी मेहनत के बाद मां काली की मूर्ति तैयार की है। जब उनके पिता पूर्ण चंद मां काली मूर्ति को बनाते थे तो वो उनके साथ मूर्ति बनाने में सहायता करती थीं। मगर पिता का चार वर्ष निधन के बाद लता ने भी यह काम बंद कर दिया। हालांकि कई बार लोग लता के पास आकर मूर्ति बनाने के लिए आग्रह करते थे। इसके बाद लता ने पिता के हुनर को जिंदा रखने के लिए दोबारा से मूर्ति बनाने का फैसला लिया। लता का कहना है कि आज के समय लड़के-लड़की में कुछ भी फर्क नहीं है। आज की लड़कियां भी किसी से कम नहीं हैं, चाहे किसी भी फील्ड में ही क्यों नहीं हों, बस उनके ऊपर विश्वास, भरोसा और यकीन करें जैसा उनके परिवार वालों ने उन पर रखा है।