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दुनिया में कई बड़े मंदिर है जो अपने वास्तुशिल्प, अद्भुत कलाकारी और विशालता के लिए जाने जाते हैं। प्राचीन काल में बनाए गए इन मंदिरों की कलाकारी देखकर ऐसा लगता है जैसे इन्हें आज की मशीनों द्वारा बनाया गया हो। दुनिया में सबसे ज्यादा मंदिर भारत में हैं, लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर भारत में नहीं है। बड़े मंदिर की तुलना में भारत तीसरे स्थान पर आता है।
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट मंदिर है। यह मंदिर कंबोडिया देश के अंकोर में स्थित है। साल 2021 की रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया में दस सबसे बड़े मंदिर हैं, जिसमें अंकोरवाट मंदिर (कंबोडिया), स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर (न्यू जर्सी, अमेरिका), श्री रंगनाथस्वामी मंदिर (तमिलनाडु), श्री राम मंदिर (उत्तर प्रदेश), छतरपुर मंदिर (दिल्ली), अक्षरधाम मंदिर (दिल्ली), बेसाकी मंदिर (इंडोनेशिया), बेलूर मठ (पश्चिम बंगाल), थिल्लई नटराज मंदिर (तमिलनाडु) और प्रम्बानन (त्रिमूर्ति मंदिर) शामिल है।
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट मंदिर (Angkorwat Temple) पहले स्थान पर है। ये मंदिर कंबोडिया देश के अंकोर में स्थित है, जिसका पुराना नाम यशोधरपुर था। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने किया था। ये मंदिर करीब 402 एकड़ में फैला हुआ है। वर्तमान में कंबोडिया में हिंदू आबादी मात्र .03 प्रतिशत है। अंकोरवाट मंदिर मुख्य रूप से भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर था, लेकिन बाद में यह एक बौद्ध परिसर बन गया। इस मंदिर में बलुआ पत्थर से बनी भगवान विष्णु की 3.2 मीटर ऊंची प्रतिमा भी स्थापित है। अंकोरवाट का केंद्रीय परिसर एक तीन मंजिला संरचना है। यहां मंदिर के केंद्र में 65 मीटर उंचा टावर स्थित है, जो चार छोटे टॉवरों से घिरा हुआ है।
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर (Swaminarayan Akshardham Temple) है। स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर अमेरिका के न्यू जर्सी में स्थित है। इस मंदिर को स्वामीनारायण संस्था के द्वारा बनवाया गया है। ये मंदिर करीब 163 एकड़ में फैला हुआ है। इस मंदिर को बनवाने में आई लागत लगभग एक हजार करोड़ रुपए है।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर श्री रंगनाथस्वामी (Sri Ranganatha Temple) मंदिर है। यहां मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के तिरूचिरापल्ली शहर में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। ये मंदिर करीब 156 एकड़ में फैला हुआ है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर के प्रमुख द्वार को राजगोपुरम कहा जाता है।
दुनिया का चौथा सबसे बड़ा और भारत का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर श्री राम मंदिर (Sri Ram Temple) है। ये मंदिर करीब 108 एकड़ में फैला हुआ है। यहां श्री राम जन्म भूमि को लेकर सैकड़ों सालों तक विवाद चलता रहा था। 5 अगस्त, 2020 को भारत के पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा इस मंदिर का भूमि पूजन किया गया था।
दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा मंदिर छतरपुर मंदिर (Chattarpur Temple) है। ये मंदिर नई दिल्ली में स्थित है। ये मंदिर लगभग 70 एकड़ में फैला हुआ है। इस मंदिर का निर्माण 1974 में बाबा संत रामपाल के द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर के प्रांगण में कई एक मंदिरों का समूह है, जिसमें 101 फीट ऊंची हनुमान की मूर्ति सबसे ज्यादा दर्शनीय है।
दुनिया का छठा सबसे बड़ा मंदिर अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple) है। ये मंदिर करीब 59 एकड़ में फैला हुआ है। इस मंदिर को भी 2005 में स्वामीनारायण संस्थान द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर के निर्माण के लिए 3,000 स्वयंसेवकों और करीब 7,000 कारीगरों ने मिलकर बनाया था।
दुनिया का सातवां सबसे बड़ा मंदिर बेसाकी मंदिर (Besakih Temple) है। ये मंदिर लगभग 49 एकड़ में फैला हुआ है। ये मंदिर इंडोनेशिया के बाली में स्थित है। ये मंदिर छह हिस्सों में बनाया गया है, जो कि सीढ़ीनुमा ढलान की तरह बने हुए है। यहां बालनी मंदिरों की एक पूरी श्रृंखला है।
दुनिया का आठवां सबसे बड़ा मंदिर बेलूर मठ मंदिर (Belur Math Temple) है। यह मंदिर पश्चिम बंगाल के हावड़ा में स्थित है। ये मंदिर हुगली नदी के पश्चिमी तट पर बना हुआ है। ये मंदिर लगभग 40 एकड़ में फैला हुआ है। इस मंदिर निर्माण की स्थापना स्वामी विवेकानंद द्वारा 1935 ईसवी में की गई थी। ये मंदिर रामकृष्ण परमहंस के मुख्यालय के रूप में भी जाना जाता है।
दुनिया का नौवें सबसे बड़ा मंदिर थिल्लई नटराज मंदिर (Thillai Nataraja Temple) है। ये मंदिर 40 एकड़ में फैला हुआ है। ये भारत के तमिलनाडु राज्य के चिंदबरम नगर में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी के आस पास किया गया था। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान गणेश और भगवान विष्णु आदि देवी-देवताओं का भी मंदिर है।
दुनिया का दसवां सबसे बड़ा मंदिर प्रम्बानन (त्रिमूर्ति मंदिर) (Prambanan Trimurti Temple) है। ये मंदिर लगभग 38 एकड़ में फैला हुआ है। यह मंदिर इंडोनेशिया के मध्य जावा क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर में ब्रम्हा, विष्णु और महेश भगवन की मूर्तियां स्थापित हैं, जिस कारण इस मंदिर को प्रम्बानन त्रिमूर्ति मंदिर कहा जाता है।
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