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जेसीसी की बैठक से पहले देख लो क्या बोल गए ये
हिमाचल प्रदेश के पौने तीन लाख कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर 27 नवंबर को राजधानी
शिमला में होने वाली संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की महत्वपूर्ण बैठक पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होने वाली जेसीसी की बैठक का प्रभाव हिमाचल प्रदेश में होने वाले
विधानसभा चुनाव-2022 में सीधे तौर पर पड़ना निश्चित है। जेसीसी बैठक को लेकर हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित
कर्मचारी महासंघ द्वारा भी अपनी रणनीति तैयार कर दी गई है। जानकारी देते हुए अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ
के प्रदेश महासचिव राजेश शर्मा ने बताया कि अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ द्वारा बैठक से पहले ही सरकार को
62 सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को बैठक में मुद्दा रखा रहेगा
और इसके साथ अनुबंध काल तीन से घटाकर दो साल करना भी प्रमुख रहेगा। कर्मचारियों को नियमितीकरण का
लाभ भी 30 सितंबर, 2021 के बाद से दिया जाए। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने की अवधि
पांच से घटाकर तीन साल करें। उन्होंने कहा कि महिला कर्मचारियों के लिए दो साल की चाइल्ड केयर लीव देना
और प्रदेश में पंजाब के छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करना भी महासंघ की मांगों की सूची में है।
राजेश शर्मा ने कहा कि मृत्यु और दिव्यांगता पर कर्मचारियों को पूरी पेंशन,करूणामूलक पदों का सृजन,दस
के बजाय सात साल बाद ही कनिष्ठ सहायकों को वरिष्ठ सहायक और 4-9-14 का पे-स्केल कर्मचारियों को देना
भी रहेगा। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स और अन्य अस्थायी कर्मचारियों के लिए भी नीति बनाने सहित इस तरह
के विभिन्न विभागों के मुद्दे बैठक में रखे जाएंगे।