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पटना। भारत में जारी कोरोना वायरस के कहर के बीच देश के अलग-अलग राज्यों से लगातार प्रकृतिक आपदाओं द्वारा हो रहे नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच गुरुवार को बिहार (Bihar) में एक बार फिर कुदरत ने अपना कहर बरपाया है। राज्य में आकाशीय बिजली (Lightning) गिरने से कुल 22 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। वहीं इस वज्रपात के चलते कई लोगों के झुलसने की खबर भी सामने आई है। जिन्हें इलाज के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गुरुवार शाम 5:15 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, आकाशीय बिजली गिरने से सबसे अधिक मौतें (Death) राजधानी पटना (Patna) में हुई हैं। यहां पर कुल 6 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। आज के दिन सूबे के आठ जिलों में 22 लोगों की मौत की बात कही गई है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी की गई लिस्ट के अनुसार पटना के अलावा, पूर्वी चंपारण में चार लोग, समस्तीपुर में तीन, शिवहर में दो, कटिहार में तीन, मधेपुरा में दो और पूर्णिया व पश्चिमी चंपारण में एक-एक व्यक्ति की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हुई है। इसके साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग ने भी वज्रपात का अलर्ट जारी किया है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने मधेपुरा जिला के सदर प्रखंड, मुरलीगंज, कुमाखंड में वज्रपात गिरने की चेतावनी जारी की गई है।
इसके साथ ही लोगों से अपने घरों में रहने की अपील की गई है। आकाशीय बिजली से मारे गए लोगों के परिजनों को आर्थिक राहत पहुंचाने के लिए नीतीश सरकार की ओर से चार-चार लाख रुपए का मुआवजा देने का फैसला लिया गया है। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, ज्यादातर लोगों की मौत खेत में काम करने के दौरान हुई है। इस समय बिहार में धान की रोपनी का काम चल रहा है। लोग इसी काम के लिए अपने खेतों की तरफ गए हुए थे। इसी दौरान ठनका गिरने से वे इसके चपेट में आ गए।
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