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यहां पर बना 25 फीट का शिवलिंग, दर्शन करने पैदल आते हैं भक्त
कुल्लू। पर्यटन नगरी मनाली के समीप दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ का प्राकृतिक शिवलिंग (Natural Shivling) प्रकट होना शुरू हो गया है। प्राकृतिक तौर पर बनने वाले इस शिवलिंग की उंचाई 40 फीट तक पहुंचती है और अभी इसकी ऊंचाई 25 फीट तक बन चुकी है, जबकि यह शिवलिंग 40 फीट तक ऊंचा बनता है। इस शिवलिंग को अंजनी महादेव (Anjani Mahadev) के नाम से जाना जाता है तथा सर्दियों के जनवर, फरवरी व मार्च के तीन माह में ही इसके दर्शन होते हैं। यह शिवलिंग 12050 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। लिहाजा जहां सांसें भी साथ छोड़ देती हैं वहां पर 40 फीट ऊंचे शिवलिंग को देखने के लिए श्रद्धालु जान जोखिम में डाल कर पहुंच रहे हैं। मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। यह शिवलिंग अमरनाथ के बाबा बर्फानी के शिवलिंग से भी काफी बड़ा व ऊंचा बनता है।
माता अंजनी ने यहां मुक्ति पाने के लिए की थी तपस्या
इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो बताया जाता है कि माता अंजनी ने यहां मुक्ति पाने के लिए तपस्या की थी और भगवान शिव (Lord Shiva) ने दर्शन दिए थे तभी से यहां पर प्राकृतिक तौर पर बर्फ का शिवलिंग बनता है। इस शिवलिंग की देखरेख करने वाले बाबा राजेश कुमार ने बताया कि आज भी शिव भगवान रात 12 बजे अपने गणों के साथ यहां आते हैं और यहां नृत्य करते हैं। बाबा राजेश कुमार ने बताया कि यहां पर देवताओं का हर रात दरबार सजता है और सभी श्रद्धालु भगवान शिव सहित अन्य देवता गणों की आवाज को महसूस कर सकते हैं।
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खास बात यह है कि बर्फ के बीच अंजनी महादेव के नंगे पांव चलकर दर्शन किए जाते हैं और श्रद्धालुओं को यह बर्फ नहीं काटती है। ये मंदिर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी सोलंग नाला से डेढ़ किमी की चढ़ाई चढ़ने के बाद दिखाई देता है। गौर रहे कि बर्फ में चलने से गैंगरिंग होती है किंतु यहां पर ऐसा दैविक चमत्कार है कि बर्फ में नंगे पांव चलने से भी श्रद्धालुओं का बाल बांका नहीं होता है। आजकल जहां शिवलिंग को देखने के लिए श्रद्धालु मनाली से पहले सोलंगनाला बस द्वारा व इसके बाद पैदल यहां पहुंच रहे है वहीं विश्व भर का मीडिया भी यहां शिवलिंग को अपने कैमरे में कैद करने पहुंच रहा है।