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शीतकालीन सत्र के लिए मिले 316 प्रश्न, एक प्राइवेट मेंबर डे रहेगा
Himachal Vidhansabha winter session: हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Himachal Vidhansabha winter session) 18 से 21 दिसंबर तक चलेगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया (Speaker Kuldeep Singh Pathania) ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय को अभी तक 248 तारांकित और 68 अतारांकित प्रश्न मिले हैं। नियम 62 के तहत चर्चा के लिए पांच, नियम 63 में एक, नियम 101 के तहत पांच व नियम 130 के अंतर्गत तीन सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।
पठानिया ने बताया कि इस बार शीत सत्र से शून्यकाल (Zero Hour)भी शुरू होगा। सत्र के दौरान चार बैठकें होंगी और एक प्राइवेट मेंबर डे (Private Members Day)होगा। शेष तीन दिन में सत्तापक्ष-विपक्ष के सवालों-जवाबों के अलावा सदन में रखे जाने वाले विधेयकों पर चर्चा होगी। विधानसभा की कार्यवाही को लाइव दिखाने के लिए और बजट की जरूरत है। आने वाले समय में इस पर फैसला होगा।
शून्य काल में एक सदस्य अधिकतम दो सवाल पूछ सकेगा
कुलदीप पठानिया ने कहा कि राज्यसभा व लोकसभा की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में शून्यकाल का प्रयोग किया था। अब शीतसत्र से इसे नियमित रूप से शुरू किया जा रहा है। 12:00 से 12:30 बजे तक सदस्य जनता से जुड़े मुद्दे उठा सकेंगे। सत्र शुरू होने से डेढ़ घंटा पहले विधानसभा सचिवालय ( vidhansabha Secretariat) को पूछे जाने वाले प्रश्नों की सूचना देनी होगी। एक सदस्य अधिकतम दो सवाल पूछ सकेगा। प्रत्येक सदस्य को चार से पांच मिनट दिए जाएंगे। पूछे गए सवाल का उत्तर संबंधित विभाग से लिया जाएगा। पठानिया ने कहा कि हिमाचल विधानसभा पहली ई-विधानसभा (E-Vidhansabha) है। इसका सभी राज्यों की विधानसभाओं व लोकसभा ने भी अनुसरण किया है। तपोवन धर्मशाला को भी ई-विधानसभा बनाया गया है।
सड़कों व स्कूलों को लेकर आए हैं सवाल
पठानिया ने कहा कि प्रश्नों से संबंधित जो सूचनाएं सदस्यों से प्राप्त हुई हैं वो मुख्यतः सड़कों की दयनीय स्थिति, स्वीकृत सड़कों की DPR’s, प्रदेश में स्कूलों, महाविद्यालयों, स्वास्थ्य संस्थानों को अपग्रेड एवं विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पदपूर्ति, आऊटसोर्स पर नियुक्ति बारे, पर्यटन, उद्यान, पेयजल की आपूर्ति, युवाओं मे बढ़ते नशे के प्रयोग की रोकथाम, सौर ऊर्जा ओर परिवहन व्यवस्था पर आधारित हैं। सदस्यों ने अपने- अपने निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित मुख्य मुद्दों को भी प्रश्नों के माध्यम से उजागर किया है। मानसून सत्र की कार्यवाही कुल 53 घंटे चली और इसकी उत्पादकता 96 फ़ीसदी रही।
सदन में सार्थक चर्चा करें पक्ष- विपक्ष
पठानिया ने कहा कि मेरा सता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों से अनुरोध रहेगा कि वो जनहित से जुड़े मुद्दों को ही सदन में उठाएं और हिमाचल प्रदेश विधान सभा की परंपराओं और गरिमा का सम्मान करते हुए नियमों की परिधि में रहकर जनहित से संबंधित विषयों पर सदन में सार्थक चर्चा करें तथा सत्र संचालन में अपना रचनात्मक सहयोग दें।
तपोवन स्थित विधानसभा भवन के लिए करेंगे कुछ खास
धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा भवन को सारा साल बंद रखने को लेकर कुलदीप पठानिया ने कहा कि ये बहस रिलेवेंट हैं और इसी दिशा में हमारी ओर से भी अब कुछ कदम उठाने का प्रयास किया गया है ,जिसपर सीएम, नेता प्रतिपक्ष और अन्य सदस्यों से चर्चा करके इसे सारा साल भर सैलानियों और अन्य आमो खास के लिए खोलने की रणनीति बनाई जायेगी, इतना ही नहीं इसके लिए अतिरिक्त सुविधाओं का जो अभाव है उसके लिए भी होटल कम हॉस्टल बनाने का फैसला लिया है,। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली को हमारे लोकतंत्र के मूलभूत संस्थान जिसमें पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, नगर निगमों के मेयर डिप्टी मेयर पार्षद, स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी के छात्र युवा संसद के जरिए या नव निर्वाचित विधायक और सांसद आकर यहां सम्मलेन आयोजित करें और सदन कैसे चलते हैं, ये सीख ले सकें।
रविंद्र चौधरी