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हिसार। हरियाणा के हिसार में हजारों साल पुरानी सभ्यता होने के कई अवशेष मिलते रहते हैं। राखीगढ़ी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। खंड बरवाला के गांव खेदड़ में खुदाई के दौरान गोस्वामी किसान परिवार को जमीन में दबा सैकड़ों साल पुराना एक मटका (Pot) मिला। पुरातत्व विभाग की टीम ने मौके का निरीक्षण करके बताया कि यह मटका लगभग 600 साल पुराना हो सकता है, लेकिन सही अनुमान इसकी जांच करने के बाद ही पता चलेगा। जांच के लिए मटके को उपरोक्त टीम द्वारा चंडीगढ़ स्थित पुरातत्व विभाग (Archeology department) में ले जाया गया है।
उन्होंने बताया कि वहां पर इसकी जांच होगी और फिर खेदड़ गांव की नेमप्लेट इस मटके के साथ लगा कर इसे म्यूजियम (Museum) में रखा जाएगा। इस टीम में शामिल डिपार्टमेंट ऑफ आर्कियोलॉजी एंड म्यूजियम हरियाणा की डिप्टी डायरेक्टर बिनानी भट्टाचार्य ने सूचना मिलने के बाद खेदड़ गांव का दौरा किया। खेदड़ गांव में यह पुराना मटका मिलने के बाद लोगों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि मिट्टी से बना यह बड़ा मटका 3 फीट ऊंचा लगभग 70 से 80 किलोग्राम का है और इसे दो से तीन व्यक्ति मिलकर उठा सकते हैं। गांव के लिए यह बड़ी और अच्छी खबर है कि पुराना मटका उनके गांव से निकला है। बताया जा रहा है कि यह एक स्टोरेज जार है जिसका प्रयोग सिंधु घाटी सभ्यता में किया जाता था। इस तरह के जार पहले भी मिले हैं जो चार से पांच हजार साल पुराने हैं। अशोक गोस्वामी पुत्र रामस्वरूप गोस्वामी परिवार के खेतों में निकला लगभग 600 साल पुराना सामान रखने के प्रयोग होने वाला बर्तन वजन में बहुत भारी है और साढ़े तीन फीट ऊंचा है।
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