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82 वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के लिए शिमला क्यों है खास, जानिए इसके पीछे की वजह
शिमला। अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के आयोजन स्थल में फेरबदल हुआ है। सम्मेलन अब शिमला (Shimla) में आयोजित किया जाएगा। आगामी 16 से 19 नवंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla) बतौर मुख्य अतिथि के रूप इस आयोजन में शामिल होंगे, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से जुड़ेंगे। आपको बता दें कि अखिल भारतीय पीठासीन सम्मेलन पहले धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा में 15 से 18 नवंबर तक आयोजित किया जाना था।
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खास बात यह है कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन वर्ष 1921 में 15 और 16 सितम्बर को शिमला में हुआ था। उसी की याद में 82 वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के सौ साल पूरा होने पर शिमला में किया जा रहा है। विधानसभा सचिवालय में आयोजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के सौ साल पूरा होने पर हिमाचल विधानसभा शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। इस सम्मेलन में 36 राज्यों की विधानसभाओं, विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारी, उपाध्यक्ष और प्रधान सचिव सम्मेलन में भाग लेंगे। हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने इस बाबत बताया कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन 16 से 19 नवम्बर तक हो रहा है। इससे पूर्व वर्ष 1921 में यह सम्मेलन हुआ था।
उन्होंने कहा कि यह शताब्दी वर्ष है, जिसमें यह शिमला में 7 वां अधिवेशन हो रहा है और इसमे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला मुख्य रूप से उपस्थित होंगे। इसके अलावा राज्यसभा के उपसभापति, प्रदेश के राज्यपाल, सूचना प्रसारण मंत्री सम्मेलन भी इसमें शिरकत करेंगे। पीएम मोदी 17 नवंबर को सम्मेलन में वर्चुअली शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त सम्मेलन में 36 राज्य विधान परिषदों और विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारी उप पीठासीन अधिकारी व प्रधान सचिव भाग लेंगे। कुल मिलाकर एक राज्य से 4 प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग लेंगे, जिनकी संख्या 288 होगी। सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिनिधियों की कुल संख्या 378 होगी।
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