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हिमाचल में मई महीने में 84 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज, टूटे पिछले 19 साल के रिकॉर्ड
हिमाचल प्रदेश में मौसम के तेवर बिगड़े हुए हैं। मई महीने में हो रही बेमौसमी बारिश ने प्रदेश की आम जनता को परेशान कर दिया है। इस बारिश से किसान और बागवान भी परेशान हैं। बुधवार सुबह से हो रही बारिश से जन जीवन पर असर पड़ा है । हाल ये है कि मई के अंतिम दिनों में भी शीतलहर एक बार फिर लौट आई है। मई के माह में जहां गर्मी लोगों को बेहाल कर देती थी वहीं ऊंचाई वाले इलाकों में लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है और निचले इलाकों में बारिश का दौर है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में मई महीने में अब तक सामान्य से 84 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज हुई है।
तापमान में भी भारी गिरावट
बीते 19 सालों में मई महीने में अब तक इतनी बारिश नहीं हुई थी। लगातार हो रही बारिश की वजह से तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश के अधिकतम तापमान 7 डिग्री तक कम चल रहा है। देश के मैदानी इलाकों में पड़ रही गर्मी से बचने से लिए पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। ज्यादातर टूरिस्ट गर्मियों के कपड़ों के साथ प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे हैं।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की फ्रीक्वेंसी भी ज्यादा
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि मई महीने में पश्चिमी विक्षोभ लगातार सक्रिय हो रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की फ्रीक्वेंसी भी ज्यादा है और इसका असर भी ज्यादा देखा जा रहा है। ऐसे में लगातार हो रही बारिश की वजह से तापमान में भी गिरावट दर्ज हो रही है। हिमाचल प्रदेश में मानसून के पहुंचने का समय है जून महीने का होता है, लेकिन प्री मॉनसून में ही अधिक बारिश होने की वजह से इस बार मॉनसून में कम बारिश होने की संभावना है।
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