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Himachal के 100 और स्कूलों में शुरू होंगी प्री-प्राइमरी कक्षाएं, 859 करोड़ मंजूर
शिमला। केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने समग्र शिक्षा कार्यक्रम वर्ष 2020-21 के लिए हिमाचल (Himachal) प्रदेश को 859 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज (Education Minister Suresh Bhardwaj) ने यहां जानकारी दी कि मानव संसाधन मंत्रालय (Ministry of Human Resources) के साथ आज वीडियो कांन्फ्रेंस के दौरान यह मंजूरी प्रदान की गई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि समग्र शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्राथमिक शिक्षा को और बेहतर एवं सुदृढ़ बनाने के लिए प्रदेश सरकार की प्री-प्राइमरी (Pre-Primary) कक्षाएं आरंभ करने की अनूठी पहल को ध्यान में रखते हुए, 38050 प्राथमिक विद्यालयों में प्री-प्राईमरी कक्षाओं को बढ़ाने के लिए जो अतिरिक्त अध्यापक तैनात किए जाएंगे, उनके लिए केंद्र सरकार द्वारा मानदेय दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इससे प्री-प्राइमरी शिक्षा को प्रदेश में और बढ़ावा मिलेगा।
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उन्होंने कहा कि 100 और स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जाएंगी। व्यावसायिक शिक्षा को और बढ़ावा देने के लिए 50 प्रतिशत अतिरिक्त (नए) स्कूल भी स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 953 स्कूलों (Schools) में यह कार्यक्रम पहले से ही चल रहा है। डिजिटल इनिश्येटिव के अंतर्गत 218 नए उच्च एवं वरिष्ठ विद्यालयों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 200 नए स्कूलों में आईसीटी (ICT) लैब की ई-टेंडरिंग की जा रही है।
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प्रदेश के कुल 2740 उच्च व वरिष्ठ स्कूलों में से 2137 स्कूलों में यह कार्यक्रम पहले से ही चल रहा है। गत वर्ष की तरह केंद्र सरकार ने ‘निष्ठा’ कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में प्रदेश में सभी पीजीटी तथा लैक्चररों को एनसीईआरटी (NCRT) एवं राष्ट्रीय या रिसॉर्स पर्सन द्वारा गुणवत्ता एवं विद्यालय नेतृत्व पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 35 खंड संदर्भ केंद्र (बीआरसी) भवनों की मरम्मत के लिए भी धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्कूल में यूथ-इक्को क्लब भी बनाए जाएंगे, जिसमें प्राथमिक के लिए 5000 रुपये, माध्यमिक के लिए 15000 तथा उच्च एवं वरिष्ठ विद्यालयों के लिए 25000 रुपये की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।