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98 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी शेर सिंह का निधन, राजकीय सम्मान के साथ किया अंतिम संस्कार
Last Updated on February 11, 2020 by Deepak
मंडी। नेता जी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फौज के वीर सैनिक शेर सिंह ने आज सुबह अपने पैतृक गांव में अंतिम सांस ली। सरकाघाट की परसदा हवानी पंचायत के त्रिलोचन कोठी गांव के निवासी शेर सिंह 98 वर्ष के थे। स्वतंत्रता सेनानी शेर सिंह (freedom fighter Sher Singh )पिछले 2 वर्षों से बीमार चल रहे थे और उनके इलाज का सारा खर्चा सरकार द्वारा वहन किया गया। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार (Funeral with state honor) किया गया। शेर सिंह पुत्र नरपत राम 25 वर्ष की आयु में ही नेता जी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फौज में भर्ती हो गए थे और उसके बाद अंग्रेजों के विरुद्ध रंगून और वर्मा में आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी।
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स्वर्गीय शेर सिंह 94 वर्ष की आयु तक हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी के उपमण्डल स्तर के समारोह में भाग लेते थे और प्रशासन द्वारा उनको सम्मानपूर्वक घर से लाया और छोड़ा जाता था। समारोह में उन्हें विशिष्ट अतिथि का दर्जा दिया जाता था। सुबह जब स्थानीय प्रशासन को उनके देहावसान का समाचार मिला तो एसडीएम जफ़र इक़बाल, डीएसपी चन्दरपाल सिंह और क्षेत्र के गणमान्य ने उनकी अंतिम विदाई में भाग लिया। प्रशासन ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया। इनके देहावसान पर कर्नल बाला राम, कैप्टन सुरेंद्र सिंह, कैप्टन वीर सिंह, कैप्टन प्रकाश सिंह, कैप्टन रघुवीर सिंह, समाजसेवी सोहन सिंह हाज़री, मंगत राम नेगी सहित अन्य लोगों ने गहरा शोक प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी
गहरी संवेदना व्यक्त की है।