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सुप्रीम कोर्ट से टेलीकॉम कंपनियों को राहत नहीं, 1 हफ्ते में चुकाने होंगे 92,000 करोड़
Last Updated on January 16, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के मामले में सरकारी परिभाषा को बरकरार रखते हुए एयरटेल, वोडाफोन आइडिया की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले 24 अक्टूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को 92,000 करोड़ रुपए बकाया (Outstanding) चुकाने का आदेश दिया था। इस फैसले के बाद अब कंपनियों को 23 जनवरी तक यह रकम चुकाना होगा। अब टेलीकॉम कंपनियों के समक्ष 23 जनवरी तक बकाया अदा करने अथवा सरकार से फरियाद के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में कहा था कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) की गणना का टेलीकॉम विभाग (Telecom department) का तरीका सही है। टेलीकॉम कंपनियों को इसी आधार पर सरकार को लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम शुल्क चुकाना होगा। जिसके बाद टेलीकॉम कंपनियां इतनी बड़ी राशि अदा करने में असमर्थता जता चुकी हैं। अब पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया ने इस फैसले पर कहा है कि हम क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से टेलीकॉम सेक्टर संकट में आने वाला है। सरकार को एजीआर मामले की समीक्षा करनी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो छोटे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर टिक नहीं पाएंगे।