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विज्ञान विषयः अध्याय-16 … प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन
Last Updated on March 17, 2020 by Sintu Kumar
प्रश्न 1. पर्यावरण मित्र बनने के लिए आप अपनी आदतों में कौन-से परिवर्तन ला सकते हैं?
(H.P. 2012, Set-B)
अथवा
प्रदूषण नियंत्रण के उपाय बताइए। (H.P. 2012 Set-A, 2013 Set-A, B, 2014 Set-C)
उत्तर-(1) धुआँ रहित वाहनों का प्रयोग करके।
(2) पॉलीथीन का उपयोग न करना।
(3) जल संरक्षण को बढ़ावा देकर।
(4) वनों की कटाई पर रोक लगाकर।
(5) वृक्षारोपण।
(6) तेल से चालित वाहनों का कम-से-कम उपयोग करके।
(7) व्यर्थ बहते जल की बर्बादी रोक कर।
(8) ठोस कचरे का कम-से-कम उत्पादन कर।
(9) सोच-समझ कर विद्युत उपकरणों का उपयोग करके।
(10) पुनः चक्रण हो सकने वाली वस्तुओं का उपयोग करके।
उपरोक्त विभिन्न विधियों को अपनाकर हम पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं।
प्रश्न 2. संसाधनों के दोहन के लिए कम अवधि के उद्देश्य के परियोजना के क्या लाभ हैं?
उत्तर-इसका केवल एक ही लाभ है, मनुष्य की आत्म-केंद्रित (स्वार्थ) संतुष्टि। पेड़-पौधों को काट कर हम अपने स्वार्थ की पूर्ति कर लेते हैं लेकिन यह नहीं सोचते कि इससे पर्यावरण असंतुलित हो जाता है। संसाधनों के दोहन के लिए कम अवधि के उद्देश्य की परियोजनाओं को कुछ सोच-समझ कर ही बनाना चाहिए।
प्रश्न 3. यह लाभ, लंबी अवधि को ध्यान में रखकर बनाए गए परियोजनाओं के लाभ से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर-प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करते समय लंबी अवधि को ध्यान में रखना होता है। जिससे कि वे अगली कई पीढ़ियों तक उपलब्ध हो सकें। अल्प अवधि के लाभ के लिए पेड़ काटे जाते हैं लेकिन लंबी अवधि को ध्यान में रख कर पुनः वृक्षारोपण किया जाना चाहिए। वनों की कटाई से कृषि, आवासीय और औद्योगिक कार्यों के लिए भूमि प्राप्त हो सकती है लेकिन इससे भूमि कटाव की समस्या और पर्यावरण की सुरक्षा नहीं रह सकती।
प्रश्न 4. क्या आपके विचार में संसाधनों का समान वितरण होना चाहिए? संसाधनों के समान वितरण के विरुद्ध कौन-कौन सी ताकतें कार्य कर सकती हैं?
उत्तर–आर्थिक विकास का पर्यावरण संरक्षण के साथ सीधा संबंध है। संसार में संसाधनों का असमान वितरण ग़रीबी का एक मुख्य कारण है। संसाधनों का समान वितरण एक शांतिपूर्ण संसार की स्थापना कर सकता है। सरकारी अभिकर्ता और कुछ स्वार्थी तत्त्व प्राकृतिक संसाधनों के समान वितरण के विरुद्ध कार्य करते हैं। चोरी छिपे वनों की कटाई इसी का एक उदाहरण है।
प्रश्न-
प्रश्न 1. हमें वन एवं वन्य जीवन का संरक्षण क्यों करना चाहिए?
(H.P. 2008, Model p. Paper 2009, H.P. 2009, Set-A, 2011, 2013 Set-C, 2014 Set-B, Set-A, 2015)
उत्तर-वन्य जीवन को निम्नलिखित कारणों से सुरक्षित रखना चाहिए-
(1) प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए।
(2) जीन पूल की सुरक्षा के लिए।
(3) फल, मेवे, सब्ज़ियाँ तथा औषधियाँ प्राप्त करने के लिए।
(4) इमारती तथा जलाने वाली लकड़ी प्राप्त करने के लिए।
(5) पर्यावरण में गैसीय संतुलन बनाने के लिए।
(6) वृक्षों के वायवीय भागों से पर्याप्त मात्रा में जल का वाष्पन होता है जो वर्षा के स्रोत का कार्य करते हैं।
(7) मृदा अपरदन एवं बाढ़ पर नियंत्रण करने के लिए।
(8) वन्य जीवों को आश्रय प्रदान करने के लिए।
(9) धन प्राप्ति के अच्छे स्रोत के रूप में।
(10) स्थलीय खाद्य श्रृंखला की निरंतरता के लिए।
(11) प्राणियों की प्रजाति को बनाये रखने के लिए।
(12) वन्य प्राणियों से ऊन, अस्थियाँ, सींग, दाँत, तेल, वसा तथा त्वचा आदि प्राप्त करने के लिए।
वन्य जीवन का संरक्षण राष्ट्रीय पार्क तथा पशुओं और पक्षियों के लिए शरण स्थल बनाने से किया जा सकता है। यह पशुओं का शिकार करने की निषेध आज्ञा का कानून प्राप्त करके किया जा सकता है। प्रश्न 2. संरक्षण के लिए कुछ उपाय बताएं। (H.P. 2008, 2009 Set-B 2012, Set-B)
उत्तर-पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए वन्य जीवन का संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए निम्नलिखित दो उपाय किए जा सकते हैं-
(1) सरकार को ऐसे कानून बनाने चाहिएं जिससे शिकारियों को प्रतिबंधित वन्य पशु का शिकार करने पर दंड मिलना चाहिए।
(2) राष्ट्रीय पार्क और पशु-पक्षी विहार स्थापित किए जाने चाहिएं जहां पर वन्य पशु सुरक्षित रह सकें।
प्रश्न-
प्रश्न 1. अपने निवास क्षेत्र के आस-पास जल संग्रहण के परंपरागत प्रणाली का पता लगाइए।
उत्तर-जल संग्रहण भारत में बहुत पुरानी विधि है। हमारे आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों और जोहड़ों में जल संग्रहण की पुरानी परंपरा है। नगर में भूमिगत जल संग्रहण की परंपरा अभी भी चल रही है, जो युगों पहले आरंभ हुई होगी।
प्रश्न 2. इस प्रणाली का पेयजल व्यवस्था (पर्वतीय क्षेत्रों में, मैदानी क्षेत्र अथवा पठार क्षेत्र) से तुलना करें। उत्तर-पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था–
(1) लद्दाख के क्षेत्रों में जिंग द्वारा जल संरक्षण किया जाता है, जिसमें बर्फ के ग्लेशियर को रखा जाता है जो दिन के समय पिघल कर जल की कमी को पूरा करता है।
(2) बाँस की नालियाँ-जल संरक्षण की यह प्रणाली मेघालय में सदियों पुरानी पद्धति है। इसमें जल को बाँस की नालियों द्वारा संरक्षित करके उन्हें पहाड़ों के निचले भागों में उन्हीं बाँस की नालियों द्वारा लाया जाता है।
मैदानी क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था-
(1) तमिलनाडु क्षेत्र में वर्षा जल को बड़े-बड़े टैंकों में संरक्षित किया जाता है तथा ज़रूरत के समय उपयोग करते हैं।
(2) बावरियाँ-ये मुख्यत: राजस्थान में पाए जाते हैं। ये छोटे-छोटे तालाब हैं जो प्राचीन काल में बंजारों द्वारा पीने के पानी की पूर्ति के लिए बनाए गए थे।
पठारी क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था-
(1) भंडार-ये मुख्यतः महाराष्ट्र में पाए जाते हैं, जिसमें नदियों के किनारों पर ऊँची दीवारें बनाकर बड़ी मात्रा में जल को संरक्षित किया जाता है।
(2) जोहड़-ये पठारी क्षेत्रों की जमीन पर पाए जाने वाले प्राकृतिक छोटे खड्डे होते हैं। जो वर्षा जल को संरक्षित करने में सहायक होते हैं।
प्रश्न 3. अपने क्षेत्र में जल के स्रोत का पता लगाइए, क्या इस स्रोत से जल क्षेत्र के सभी निवासियों को उपलब्ध है?
उत्तर-नई दिल्ली शहर में जलपूर्ति का मुख्य साधन नदी है। यमुना नदी का पानी पाइपों के द्वारा दिल्ली शहर में लाया जाता है। कुछ पानी शहर के अंदर ही बोर द्वारा ज़मीन से निकाला जाता है। सभी निवासियों के लिए जल की आपूर्ति नहीं हो पाती।
अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर
प्रश्न 1. अपने घर में पर्यानुकूलित बनाने के लिए आप उसमें कौन-कौन से परिवर्तन सुझा सकते हैं?
(H.P. 2013 Set B, 2014 Set B)
उत्तर-निम्नलिखित परिवर्तन लाकर हम अपने घर में पर्यानुकूलित वातावरण बना सकते हैं-
(1) हम बिजली के पंखे तथा बल्व के स्विच बंद करके विद्युत का अपव्यय रोक सकते हैं।
(2) लीक करने वाले जल के पाइप या नल की मुरम्मत करवा कर हम जल की बचत कर सकते हैं।
(3) हमें तीन Rs द्वारा बताए हुए मार्ग पर चलने की कोशिश करनी चाहिए।
(4) हमें पुनः चक्रण योग्य वस्तुओं को कूड़े के साथ नहीं फेंकना चाहिए।
(5) हमें चीज़ों (जैसे लिफाफे) को फेंकने की अपेक्षा फिर से प्रयोग में लाना चाहिए।
(6) हमें आहार को व्यर्थ नहीं करना चाहिए।
(7) हमें अपने आवास के आस-पास कचरे और गंदे जल को इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए।
(8) जल के व्यर्थ रिसाव को रोकना चाहिए।
(9) जल को मितव्ययिता से प्रयोग करना चाहिए।
(10) आवासीय कूड़े-कचरे को कूड़ादान में इकट्ठा कर उसका निपटान करना चाहिए।
प्रश्न 2. क्या आप अपने विद्यालय में कुछ परिवर्तन सुझा सकते हैं जिनसे इसे पर्यानुकूलित बनाया जा सके?
उत्तर-निम्नलिखित परिवर्तनों द्वारा हम अपने विद्यालय में पर्यानुकूलित वातावरण बना सकते हैं-
(1) हमें विद्यालय में ज़्यादा से ज़्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिएं।
(2) बच्चों को शिक्षा देनी चाहिए कि फूल तथा पत्तियों को न तोड़े।
(3) हमें जल का अपव्यय रोकना चाहिए।
(4) कमरों में ज़्यादा-से-ज्यादा खिड़कियाँ बनानी चाहिएं ताकि सूर्य की रोशनी अंदर आए और कम-से-कम बिजली खर्च हो।
(5) हमें कूड़ा-कचरा इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए, बल्कि चीज़ों का पुनः उपयोग करना चाहिए।
(6) शौचालय और मूत्रालयों की नियमित सफाई-धुलाई की जानी चाहिए।
(7) विद्युत अपव्यय को नियंत्रित करना चाहिए।
(8) विद्यालय के आस-पास कचरे के ढेर और रुका हुआ गंदा जल नहीं होने चाहिए।
(9) विद्यालय का भवन साफ-सुथरा रखना चाहिए।
(10) जैव निम्नीकृत और जैव अनिम्नीकृत कूड़े-कचरे के एकत्रीकरण के लिए कूड़ादान अलग-अलग होने चाहिए। इससे कूड़े का निपटान सरलता से हो सकेगा।
प्रश्न 3. इस अध्याय में हमने देखा कि जब हम वन एवं वन्य जंतुओं की बात करते हैं तो चार मुख्य दावेदार सामने आते हैं। इनमें से किसे वन उत्पाद प्रबंधन हेतु निर्णय लेने के अधिकार दिए जा सकते हैं? आप ऐसा क्यों सोचते हैं?
उत्तर-वन एवं वन्य जंतुओं की बात करते समय सामने आने वाले चार मुख्य दावेदार हैं-
(1) वन के अंदर एवं इसके निकट रहने वाले लोग अपनी तरह-तरह की आवश्यकताओं के लिए वन पर निर्भर रहते हैं।
(2) सरकार का वन विभाग वनों से प्राप्त साधनों का नियंत्रण करता है।
(3) उद्योगपति तेंदुआ पत्ती का प्रयोग कर बीड़ी उत्पादकों से लेकर कागज़ मिल तक वन उत्पादों का उपयोग करते हैं।
(4) वन्य जीवन और प्रकृति प्रेमी प्रकृति का संरक्षण इसकी आद्य अवस्था में चाहते हैं।
वन उत्पाद प्रबंधन हेतु निर्णय लेने के अधिकार वन के अंदर तथा निकट रहने वाले उन लोगों को देने चाहिए जो सदियों से वनों पर निर्भर रहते हैं। परंतु कुछ अधिकार सरकार के पास भी होने चाहिएं ताकि लोग वनों का उपयोग ठीक से करें तथा इनका अपव्यय न करें। वन्य जीवन एवं प्रकृति प्रेमियों को भी कुछ अधिकार देने चाहिएं क्योंकि वे प्रकृति का संरक्षण इसका आद्य अवस्था में करना चाहते हैं।
प्रश्न 4. एक एकल व्यक्ति के रूप में आप निम्न के प्रबंधन में क्या योगदान दे सकते हैं। (a) वन एवं वन्य जंतु (b) जल संसाधन (c) कोयला एवं पेट्रोलियम?
उत्तर-(a) वन एवं वन्य जंतु-दूसरे लोगों में वनों के संरक्षण के प्रति जागरूकता जगा सकते हैं, अपने क्षेत्र के उन क्रियाकलापों में भाग ले सकते हैं जो वन तथा वन्य जंतुओं के संरक्षण को महत्त्व देते हैं। संरक्षण के नियमों को अपनाकर तथा इन मसले पर काम कर रही कमेटियों की सहायता करके भी हम वन एवं वन्य जंतुओं के प्रबंधन में योगदान दे सकते हैं।
(b) जल संसाधन-अपने घर तथा कर्म स्थान पर जल का अपव्यय रोक कर तथा वर्षा के जल को अपने घरों में संग्रहण करके।
(c) कोयला एवं पेट्रोलियम-विद्युत के अपव्यय को रोक कर तथा कम-से-कम बिजली उपयोग करके हम इनके प्रबंधन में योगदान दे सकते हैं। निजी वाहन की अपेक्षा सार्वजनिक वाहन का उपयोग कर पेट्रोल-डीज़ल की बचत कर सकते हैं।
प्रश्न 5. आप एक एकल व्यक्ति के रूप में विभिन्न प्राकृतिक उत्पादों की खपत कम करने के लिए क्या कर सकते हैं? (H.P. 2009, Set C)
अथवा
प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने के चार उपाय लिखें। (H.P. 2013 Set-C)
उत्तर-(1) विद्युत को कम-से-कम इस्तेमाल कर सकते हैं तथा इसके अपव्यय को रोक सकते हैं।
(2) तीन ‘Rs’ के नियमों का पालन करके हम प्राकृतिक उत्पादों की खपत कम कर सकते हैं।
(3) हमें आहार को व्यर्थ नहीं करना चाहिए।
(4), जल को व्यर्थ होने से रोकना चाहिए।
(5) खाना पकाने के लिए भी लकड़ी की जगह गैस का इस्तेमाल करना चाहिए।
प्रश्न 6. निम्न से संबंधित ऐसे पाँच कार्य लिखिए जो आपने पिछले एक सप्ताह में किए हैं–
(a) अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण। (H.P. 2013 Set C)
(b) अपने प्राकृतिक संसाधनों पर दवाब को और बढ़ाया है।
उत्तर-(a) (1) विद्युत उपकरणों का व्यर्थ उपयोग नहीं किया।
(2) रोशनी के लिए CFL’s का प्रयोग करके।
(3) स्कूल आने-जाने के लिए अपने वाहन की जगह सरकारी वाहनों का प्रयोग करके।
(4) नहाने में कम-से-कम पानी का उपयोग किया।
(5) पर्यावरण के संरक्षण से संबंधित जागरूकता अभियान में भाग लिया।
(b) (1) कंप्यूटर पर प्रिटिंग के लिए अधिक कागज़ों का प्रयोग किया।
(2) पंखा चलते छोड़कर कमरे से बाहर गया।
(3) दीवाली पर पटाखे जलाकर।
(4) मोटर साइकिल का अत्यधिक प्रयोग करके।
(5) आहार को व्यर्थ किया।
प्रश्न 7. इस अध्याय में उठाए बिंदुओं ( समस्याओं) के आधार पर आप अपनी जीवन-शैली में क्या परिवर्तन लाना चाहेंगे जिससे हमारे संसाधनों के प्रदूषण को बढ़ावा मिल सके?
उत्तर–
– हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम एक समाज में रहते हैं, अकेले नहीं।
-हमें अपने संसाधनों का कम-से-कम उपयोग करना चाहिए तथा किसी भी तरह उन्हें व्यर्थ नहीं करना चाहिए।
-हमें तीन (R’S) के नियमों का पालन करना चाहिए। (Reduce, Recycle, Reuse)
-हमें निजी वाहनों की अपेक्षा सरकारी वाहनों का उपयोग करना चाहिए।
-हमें अपने पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करना चाहिए।
इन सब बातों को अपने जीवन में महत्त्व देकर हम अपने संसाधनों के संप्रदूषण को बढ़ावा दे सकते हैं।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
(OTHER IMPORTANT QUESTIONS)
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
(Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1. वन्य जीवन पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-वनों में पाए जाने वाले विभिन्न पौधों तथा जंतुओं को सम्मिलित रूप से वन्य जीवन कहते हैं। वनों में अनेक प्रकार के जीव-जंतु पाये जाते हैं। उसी प्रकार अनेक प्रकार के पौधे भी पाए जाते हैं।
प्राचीन काल में वनों की संख्या अधिक थी जिसमें जानवर सुगमता से निर्वाह कर सकते थे। जंगलों में पहले शेर, चीते, रीछ, गैंडे, हाथी अधिक मात्रा में थे। जब से मनुष्य ने वनों को काटना शुरू किया, जानवरों की संख्या कम होने लगी है। वनों की कमी के कारण ही जानवरों की संख्या लगातार कम होती जा रही है।
वन्य जीवन की अधिक उपयोगिता के कारण जंगली जानवरों की सुरक्षा ज़रूरी होती है। जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए विशेष पार्क तथा राष्ट्रीय उपवन बनाए गए हैं जिनमें जंगली जानवरों की सुरक्षा का प्रबंध किया जाता है। कई स्थानों पर वन्य स्थल भी विकसित किए गए हैं। जंगली जानवरों के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जंगली जानवरों को सुरक्षित रखकर ही उनकी वंश वृद्धि में सहायता की जा सकती है।
प्रश्न 2. वन्य संपदा की सुरक्षा के लिए कौन-कौन से उपाय हैं?
(H.P. Dec. 2008, 2009, Set-B, 2011, Set-A, 2012, Set-A, 2014 Set-B, C, 2015)
अथवा
वन संरक्षण के उपाय लिखिए।
उत्तर-(1) वृक्षों को काटना बंद होना चाहिए।
(2) केवल वे ही वृक्ष काटे जाएं जो सूख जाएं या जिन्हें कोई गंभीर बीमारी लग जाए और उनके स्थान पर नये वृक्ष लगाये जाने चाहिएं।
(3) वक्षों की प्रति वर्ष गिनती की जानी चाहिए और वक्षारोपण के लक्ष्य को पर्ण करना चाहिए।
(4) वन-महोत्सव मनाया जाना चाहिए। यह हमारे देश की वृक्षारोपण की परंपरा है जिसके अनुसार वन-महोत्सव सप्ताह में हज़ारों नये वृक्ष लगाये जाते हैं।
(5) नये लगाए गए वृक्षों की देखभाल करनी चाहिए।
(6) वनारोपण की नयी योजना लागू होनी चाहिए।
(7) वन संपदा को जंगल की आग से बचाने के लिए उचित प्रबंध होना चाहिए।
(8) वृक्षों को बीमारियों से बचाने के लिए रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल करना चाहिए।
प्रश्न 3. पर्यावरण प्रदूषण के घटकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-मानव तथा पर्यावरण का आपस में गहरा तथा अटूट संबंध है। मानव ही पर्यावरण को स्वच्छ या प्रदूषित करता है तथा उसका प्रभाव मानव को ही उसी रूप में प्रभावित करता है। मानव समाज के लिए स्वच्छ तथा स्वास्थ्यवर्धक पर्यावरण अति आवश्यक है। परंतु पर्यावरण को स्वच्छ व स्वास्थ्यवर्धक बनाना मनुष्यों पर ही निर्भर करता है।
मानव की क्रियाओं का अनियोजन होना पर्यावरण को उतनी ही अधिक हानि पहुँचाता है। महानगरों में ट्रकों तथा बसों से निकलता काला धुंआ, नदियों में नालों का गंदा पानी तथा सड़कों पर बिखरा कूड़ा कर्कट आदि महानगरों के पर्यावरण को दूषित करते हैं। ये सभी क्रियाकलाप मिलजुल कर हमारे पर्यावरण के सभी घटकों जैसे-जल, वायु तथा मृदा के साथ-साथ हमें जीवित रखने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
जनसंख्या में लगातार वृद्धि पर्यावरण को प्रदूषित करने में मानव की प्रमुख भूमिका है। जनसंख्या के बढ़ने से आवास, वस्त्र तथा खाद्य पदार्थों की आवश्यकता भी बढ़ जाती है। आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संपदाओं की हानि होती है। जैसे जंगलों को अत्यधिक काटा जाना, भूमिगत जल का अनियंत्रित उपयोग, जीवाश्म ईंधन का अत्यधिक उपयोग, औद्योगिकीकरण आदि। वे सभी किसी-न-किसी रूप में पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं।
जब प्राकृतिक साधन पर्यावरण को पुनः स्वच्छता प्रदान नहीं कर सकते तो प्रदूषण होता है। औद्योगिक दुर्घटनाओं तथा बिना नियोजित लगाए गए कारखानों आदि से भी पर्यावरण प्रदषित होता है। अत्यधिक रसायन का एक घटक है। प्राकृतिक संपदाओं का अतिशोषण भी पर्यावरण के प्रदूषण को बढ़ावा देता है। औद्योगीकरण क्रांति से वायु तथा जल प्रदूषण होता है। अम्लीय वर्षा, अॅतः दहन इंजनों द्वारा प्रचलित वाहनों द्वारा अधिक मात्रा में सल्फर युक्त यौगिकों को वायु में मुक्त करने का परिणाम है। ऐरोसाल के उपयोग से ओजोन सतह की हानि हो रही है।
मानव के विभिन्न क्रियाकलापों के परिणाम से उत्पन्न अपशिष्ट पदार्थ पर्यावरण को प्रदूषित करने में सबसे आगे हैं। ये अपशिष्ट पदार्थ अत्यंत घातक होते हैं तथा इनका प्रभाव दूर-दूर तक फैल जाता है। इनका निपटान आजकल विश्व की समस्या है। इनका पुनः चक्रण ही पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकता है।
पर्यावरण को प्रदूषित करने में मुख्य भूमिका मनुष्य की है, इसके साथ-साथ इस प्रदूषित पर्यावरण का शिकार भी प्रमुख रूप से मानव ही है।
प्रश्न 4. ‘चिपको आंदोलन‘ पर टिप्पणी लिखिए। (H.P. 2014 Set-C)
उत्तर-‘चिपको आंदोलन’ पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तथा वनों को अलग करने की नीति का परिणाम है। यह आंदोलन हिमालय की पर्वत श्रृंखला में गढ़वाल के रेनी’ नामक गाँव में घटित एक घटना से प्रारंभ हुआ था। यह घटना 1970 में घटित हुई थी। लकड़ी के ठेकेदार और स्थानीय लोगों के बीच विवाद प्रारंभ हुआ था। गाँव के समीप के वृक्षों को काटने का अधिकार उसे दे दिया गया था। एक निश्चित दिन ठेकेदार के आदमी वृक्ष काटने के लिए आए। वहाँ के निवासी पुरुष वहाँ नहीं थे। वहाँ की महिलाएँ फौरन वहाँ पहुँच गईं और उन्होंने पेड़ों को अपनी बाहों में भर कर ठेकेदार के आदमियों को वृक्ष काटने से रोका। वे पेड़ों से चिपक गई थीं इसलिए विचलित होकर ठेकेदार को अपना काम बंद करना पड़ा।
प्रश्न 5. कोयला एवं पेट्रोलियम का प्रयोग सावधानीपूर्वक क्यों करना चाहिए?
उत्तर-कोयला और पेट्रोलियम पेड-पौधों तथा जीव जंतुओं से बनते हैं जिनमें कार्बन के अतिरिक्त हाइड्रोजन, नाइट्रोजन एवं सल्फर भी होते है। जब इन्हें जलाया जाता है तो कार्बन डॉइआक्साइड, जल, नाइट्रोजन के ऑक्साइड तथा सल्फर के ऑक्साइड उत्पन्न होती हैं। अपर्याप्त वायु में जलाने पर कार्बन डाईऑक्साइड के स्थान पर मोनो ऑक्साइड उत्पन्न होती है। इन उत्पादों में से नाइट्रोजन और सल्फर के ऑक्साइड तथा कार्बन मोनोआक्साइड विषैली गैसे हैं। कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीन हाउस गैस है। कोयला और पेट्रोलियम कार्बन के विशाल भंडार हैं। यदि इनकी संपूर्ण मात्रा का कार्बन न जलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित हो गया तो पृथ्वी पर ऑक्सीजन की उपलब्धता तो अत्यंत हो जाएगी पर साथ ही साथ कार्बन डाईऑक्साइड से अधिकता वैश्विक ऊष्मण होने का कारण बन जाएगी। इसलिए इन संसाधनों का उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए।
प्रश्न 6. गंगा का प्रदूषण किस प्रकार हो रहा है? इसकी सफाई योजना पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-गंगा हिमालय पर्वत में स्थित गंगोत्री से लेकर बंगाल की खाड़ी तक लगभग 2500 किलोमीटर तक यात्रा करती है। वह विभिन्न राज्यों के सौ से अधिक नगरों और कस्बों से गुजरती है जिस कारण उसमें तरह-तरह की गंदगियों का मिलना स्वाभाविक है। गंगा का प्रदूषण मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रकार का है-
- औद्योगिक कचरा।
- अनोपचारित मल और अपशिष्ट।
- मृत शरीरों को तटों पर जलाना, जल में बहाना और मृत शरीरों की राख और हड्डियों को गंगा के जल में डालना।
- अंधविश्वास के कारण गंगा में नहाना।
गंगा की सफाई योजना
गंगा के जल में धार्मिक कारणों से अस्थि प्रवाह किया जाता है। इसलिए इसके जल में, मानव आंत में पाया जाने वाला कोलिफार्म जीवाणु उपस्थित है और उसकी MPN (Most probable number) जल के अधोप्रवाह में बढ़ता जाता है। सन 1985 में, गंगा के प्रदूषण को दूर करने के लिए गंगा सफाई योजना शुरू की गयी थी। जिसका बजट प्रथम चरण में 462 करोड़ रुपये और द्वितीय चरण में 416 करोड़ रुपये था। इस अभियान के अनुसार 873 मिलियन लीटर जल प्रतिदिन उपचारित करना था। वर्तमान में गंगा की सफाई योजना में तेजी लाए जाने की परम आवश्यकता है तभी इस में निरंतर बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. प्राकृतिक संसाधन को उदाहरण सहित परिभाषित कीजिए।
उत्तर-प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources)-प्रकृति में पाए जाने वाले मनुष्य के लिए उपयोगी पदार्थों को प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। उदाहरण-वायुः जल, मिट्टी, खनिज, कोयला, पेट्रोलियम आदि प्राकृतिक संसाधन
प्रश्न 2. तीन Rs में से पहले ‘R’ के नियम को समझाइए। (H.P. 2013 Set-A, B)
उत्तर-पहले ‘R’ का अर्थ है Reduce अर्थात कम करना। इसका यह अर्थ है कि हमें कम-से-कम वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। उदाहरण के लिए हम बिजली के पंखे तथा बल्ब के स्विच बंद करके विद्युत के अपव्यय को रोक सकते हैं। इसी प्रकार कम-से-कम जल का उपयोग करके तथा लीक होने वाले नल तथा पाइप की मरम्मत करवा के भी हम जल के अपव्यय को रोक सकते हैं।
प्रश्न 3. तीन Rs में से दूसरे ‘R’ का क्या अर्थ है? (H.P. 2013 Set-A, B)
उत्तर-दूसरे ‘R’ का अर्थ है Recycle अर्थात पुनः चक्रण। इसका अर्थ है कि हमें प्लास्टिक, कागज़, काँच, धातु की वस्तुएँ आदि पदार्थों का पुनः चक्रण करके इनसे उपयोगी वस्तुएँ बनानी चाहिए। हमें ऐसी चीजों को कचरे के डिब्बे में नहीं डालना चाहिए बल्कि इन्हें अपने कचरे से अलग करना होगा ताकि यह दुबारा उपयोगी बनाई जा सकें।
प्रश्न 4. तीन Rs में तीसरे ‘R’ का क्या महत्त्व है? (H.P. 2013 Set-A, B)
उत्तर-तीसरा R’ है Reuse अर्थात पुनः उपयोग। यह पुनः चक्रण से भी अच्छा तरीका है क्योंकि पुनःचक्रण से भी कुछ न कुछ ऊर्जा व्यर्थ जाती है। पुन: उपयोग के तरीके में हम एक ही वस्तु का बार-बार उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण-विभिन्न खाद्य पदाथों के साथ आए डिब्बे तथा केन हम अन्य सामान रखने में प्रयोग कर सकते हैं।
प्रश्न 5. गंगा कहाँ से कहाँ तक यात्रा करती है तथा इसे नाले में कैसे परिवर्तित कर दिया गया है?
उत्तर-गंगा हिमालय में स्थित गंगोत्री बंगाल की खाड़ी में गंगा सागर तक 2500 तक की यात्रा करती है। इसके किनारे स्थित उत्तर प्रदेश, बिहार तथा बंगाल के 100 से अधिक नगरों ने इसे एक नाले में परिवर्तित कर दिया है। इसका मुख्य कारण यह है कि इन नगरों द्वारा उत्सर्जित कचरे एवं मल को इसमें प्रवाहित किया जाता है। इसके अतिरिक्त मानव के अन्य क्रियाकलापों जैसे कि नहाना, कपड़े धोना, मृत और व्यक्तियों की राख एवं शवों को बहाना भी इसके प्रदूषण का कारण है और फिर उद्योगों द्वारा उत्पादित रासायनिक उत्सर्जन ने गंगा का प्रदूषण स्तर इतना बढ़ा दिया है कि इसके विषैले जल में मछलियाँ मरने लगी हैं।
प्रश्न 6. वनों के कुछ उपयोग बताइए।
(H.P. Dec. 2008, 2011 Set-A, 2012 Set-A, C, 2013 Set-C, 2014 Set-B, 2015)
उत्तर–वनों के उपयोग–वनों के उपयोग निम्नलिखित हैं-
(1) वन मकान तथा फर्नीचर बनाने के लिए लकडी प्रदान करते हैं।
(2) वन वायुमंडल में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड के अनुपात को बनाए रखते हैं।
(3) वन पृथ्वी पर जलचक्र का नियमन करते हैं।
(4) वन पेपर उद्योगों के लिए कच्चा माल देते हैं।
(5) वन सौर विकिरणों से हमारी रक्षा करते हैं।
(6) वन हमें दवाइयाँ, फल तथा अन्य उपयोगी वस्तुएं देते हैं।
(7) वन वन्य जीवन की रक्षा करते हैं।
प्रश्न 7. धन एवं वन्य जंतुओं की बात करते समय कौन-से चार दावेदार सामने आते हैं?
उत्तर-(1) वन के अंदर एवं इसके आस-पास रहने वाले वे लोग अपनी आवश्यकताओं के लिए वनों पर निर्भर रहते हैं।
(2) सरकार का वन विभाग वनों से प्राप्त संसाधनों का नियंत्रण करता है।
(3) उद्योगपति तेंदुआ नामक वन उत्पाद का उपयोग करते हैं परंतु वनों पर निर्भर नहीं रहते।
(4) वन्य जीवन एवं प्रकृति प्रेमी प्रकृति का संरक्षण करना चाहते हैं।
प्रश्न 8. चार ऐसे उद्योगों के उदाहरण दीजिए जो वन उत्पादों पर निर्भर करते हैं?
उत्तर-टिम्बर (इमारती लकड़ी), कागज़, लाख तथा खेल का सामान।
प्रश्न 9. स्थानीय निवासियों के द्वारा किए जाने वाले वन संपदा संरक्षण को सरकार ने किस प्रकार प्रोत्साहित किया है?
उत्तर-स्थानीय निवासी परंपरानुसार वनों के संरक्षण का प्रयास कर रहे हैं। राजस्थान का बिश्नोई समुदाय के लिए वन और वन्य प्राणी संरक्षण उनके धार्मिक अनुष्ठान का भाग बन गया है। भारत सरकार ने पिछले दिनों जीव संरक्षण हेतु अमृता देवी बिश्नोई राष्ट्रीय पुरस्कार की व्यवस्था की है। यह पुरस्कार अमृता देवी विश्नोई की स्मृति में दिया जाता है जिन्होंने राजस्थान के जोधपुर के पास 1731 में खेजराली गाँव में ‘खेज़री वृक्षों’ को बचाने के लिए 363 लोगों के साथ अपने आपको बलिदान कर दिया था।
प्रश्न 10. “मनुष्य का हस्तक्षेप वनों की प्राकृतिक छवि में बहुत अधिक है।” हमें इस हस्तक्षेप की प्रकृति एवं सीमा नियंत्रण का प्रबंध किस प्रकार करना चाहिए?
उत्तर-हमें इस हस्तक्षेप की प्रकृति और सीमा नियंत्रण का प्रबंध करना होगा। वन संसाधनों का उपयोग ऐसे करना होगा कि यह पर्यावरण एवं विकास दोनों के हित में हो। जब पर्यावरण संरक्षित किया जाए तो उसके उपयोग का लाभ स्थानीय निवासियों को मिलना चाहिए। यह विकेंद्रीयकरण की ऐसी व्यवस्था है जिससे आर्थिक विकास एवं पारिस्थितिक संरक्षण दोनों साथ-साथ चल सकते हैं। पर्यावरण को पौधों और जंतुओं का सजावटी संग्रह मात्र नहीं स्वीकार किया जा सकता। यह एक जटिल व्यवस्था है। हमें इससे उपयोग हेतु अनेक प्रकार के प्राकृतिक संसाधन प्राप्त होते हैं। हमें अपने आर्थिक एवं सामाजिक विकास की आपूर्ति हेतु पूरी सावधानी से इन संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।
प्रश्न 11. ‘चिपको आंदोलन‘ ने सरकार तथा लोगों को क्या सिखाया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-‘चिपको आंदोलन’ बहत तेजी से विभिन्न समदायों में फैल गया है। जन संचार माध्यमों ने भी इसमे महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। इसने सरकार को यह सोचने पर विवश कर दिया कि वन संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए प्राथमिकता तय करने के लिए पुनर्विचार की आवश्यकता है। लोगों को अनुभव ने सिखा दिया है कि वनों के विनाश से केवल वन की उपलब्धता ही प्रभावित नहीं होती बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता और जल स्रोत भी प्रभावित होते हैं। स्थानीय लोगों की भागीदारी निश्चित रूप से वनों के प्रबंधन में होनी चाहिए।
प्रश्न 12. वन प्रबंधन में लोगों की भागीदारी का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-1972 में पश्चिम बंगाल वन विभाग को प्रदेश के दक्षिण पश्चिम जिलों में नष्ट हुए साल के वनों को पुनपूरण करने की अपनी योजना के असफल होने के कारण वन विभाग ने अपनी नीति में परिवर्तन कर दिया था। उसने मिदनीपुर के अराबारी वन क्षेत्र में एक योजना प्रारंभ की। यहाँ वन-विभाग के एक दूरदर्शी अधिकारी ए० के० बनर्जी ने ग्रामीणों को अपनी योजना में सम्मिलित किया तथा उनके सहयोग से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त साल के वन के 1272 हेक्टेयर क्षेत्र का संरक्षण किया।
प्रश्न 13. बड़े बाँध बनाने के विरोध में कौन-सी तीन समस्याओं की चर्चा विशेष रूप से होती है?
उत्तर-1. सामाजिक समस्याएँ-इससे बड़ी संख्या में लोग विस्थापित होते हैं। उन्हें अपना बसा-बसाया घर छोड़ना पड़ता है।
- आर्थिक समस्याएँ-इनमें सामान्य जनता का बहुत अधिक धन लगता है और उस अनुपात में लाभ आपेक्षित नहीं है।
- पर्यावरणीय समस्याएँ-इससे बड़े स्तर पर वनों का विनाश होता है। जैव विविधता को अपूर्णीय क्षति होती है। पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 14. जल संभर प्रबंधन का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
उत्तर-जल संभर प्रबंधन में मिट्टी एवं जल संरक्षण पर जोर दिया जाता है ताकि ‘जैव-मात्रा’ उत्पादन में वृद्धि हो सके। इसका प्रमुख उद्देश्य भूमि एवं जल के प्राथमिक स्रोतों का विकास, द्वितीय संसाधन पौधों एवं जंतुओं का उत्पादन इस प्रकार करना जिससे पारिस्थतिक असुंतलन पैदा न हो।
प्रश्न 15. भौम जल के क्या लाभ हैं?
उत्तर-(1) यह जल वाष्पित होकर वायुमंडल में मिलता नहीं है।
(2) इसमें जीव जंतु तथा पादपों का जनन नहीं हो पाता।
(3) यह भौम स्तर में सुधार लाता है।
(4) यह पौधों को नमी प्रदान करता है।
(5) यह जीव-जंतुओं के कारण प्रदूषित और संदूषित नहीं हो पाता।
प्रश्न 16. बड़े समतल भू-भाग में जल-भौम स्तर का सुधार किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर-बड़े समतल भू-भाग में जल संग्रहण स्थल मुख्य रूप से अर्धचंद्राकार मिट्टी के गड्डे और जलाशय बनाए जाते हैं। निचले स्थनों पर नालियों पर कंकर-पत्थरों से चैक डैम बनाए जाते हैं। छोटे बाँधों की रुकावट के कारण इनके पीछे मानसून का जल गड्ढों और नालियों में भर जाता है। केवल बड़े जलाशयों में जल पूरे वर्ष रहता है। छोटे जलाशयों में यह जल 6 महीने या उससे भी कम समय तक रहता है उसके बाद यह सूख जाते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य जल-भौम स्तर में सुधार करना हैं।
प्रश्न 17. ईंधन किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-जिन पदार्थों को जलाकर ऊर्जा (ऊष्मा) उत्पन्न की जा सकती है, उन्हें ईंधन कहते हैं। ईंधन ठोस, तरल तथा गैस तीनों अवस्थाओं में उपलब्ध होते हैं। जैसे कोयला, लकड़ी, कोक तथा चारकोल ठोस इंधन हैं, पेट्रोल, डीजल तथा कैरोसीन तरल ईंधन हैं तथा प्राकृतिक गैस और बायोगैस इत्यादि गैस अवस्था के ईंधन हैं।
प्रश्न 18. जीव द्रव्यमान ईंधन (जीवाश्म ईंधन) का क्या अर्थ है?
उत्तर-जीव द्रव्यमान ईंधन-पौधों तथा जंतुओं के शरीर में उपस्थित पदार्थों को जीव द्रव्यमान कहते हैं। किसी जीव की मृत्यु के पश्चात जीव द्रव्यमान का उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है जिसे जीव द्रव्यमान ईंधन कहते हैं। लकड़ी, कृषि अपशिष्ट तथा गोबर के कंडे इसी ईंधन के उदाहरण हैं जिनसे गाँवों की ऊर्जा की कुल आवश्यकता का 80% भाग प्राप्त होता है। इनका उपयोग औद्योगिकी में भी किया जाता है जैसे गन्ने की खोई कई उद्योगों के बायलरों में चलाई जाती है।
प्रश्न 19. जीवाश्म ईंधन क्या हैं तथा किस प्रकार बनते हैं? इसके दो उदाहरण बताओ।
उत्तर-जंतु तथा वनस्पति के अवशेष पृथ्वी की सतह में दबते रहे हैं जो धीरे-धीरे तलछट के नीचे दब कर एकत्रित होते जाते हैं। इस प्रकार उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं होती। तलछट के आवरण के नीचे न तो इनका ऑक्सीकरण होता है और न ही विघटन, परंतु इसी तलछट के भार के कारण इन अवशेषों से पानी तथा अन्य वाष्पीजन्य पदार्थ निचुड़ कर बाहर निकल जाते हैं। इन्हीं पदार्थों को जीवाश्म ईंधन कहते हैं। जीवाश्म ईंधन ऊर्जा युक्त कार्बन यौगिकों के वे अणु हैं जिनका निर्माण मूलतः सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए वनस्पतियों ने किया था। जीवाश्म ईंधन के उदाहरण कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस हैं।
प्रश्न 20. “जल जीवन के लिए आवश्यक है।” इस कथन को सिद्ध कीजिए।
उत्तर-जल निम्नलिखित कारणों से जीवन के लिए आवश्यक है-
(1) जल हमारे शरीर की सभी रासायनिक प्रक्रियाओं में भाग लेता है।
(2) जल शरीर में तापमान को स्थिर रखता है।
(3) जल पोषक पदार्थों को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है।
(4) जल मल-मूत्र के विसर्जन में सहायता करता है।
(5) जल पदार्थों के परिवहन में सहायता करता है।
(6) कृषि, कारखानों तथा विद्युत के लिए भी जल आवश्यक है।
प्रश्न 21. भौम जल स्तर (वाटर टेबल) तथा जल तल (वाटर लेवल) में अंतर लिखिए।
उत्तर-जल की संतप्त तल के ऊपरी स्तर को वाटर टेबल कहते हैं। वाटर टेबल की सतह से स्थान की उर्ध्वाधर दूरी को वाटर लेवल अथवा जल तल कहते हैं।
प्रश्न 22. जल संरक्षण के कछ प्रमख उपाय लिखिए।
उत्तर-जल के संरक्षण हेतु उपाय-
(1) जल को सिंचाई के लिए उपयोग करना।
(2) बाढ़ नियंत्रण तथा हाइड्रोलोजिकल सर्वे और बाँध निर्माण करना।
(3) भूमिगत जल की रिचार्जिंग तथा व्यय को रोकना।
(4) अधिक जल तथा कम जल वाले स्थानों को स्थानांतरण करना।
(5) मृदा अपरदन को रोकने के लिए बाह्य मृदा को बनाए रखना।
प्रश्न 23. कुछ वायु प्रदूषकों के नाम लिखिए।
उत्तर-वायु के मुख्य प्रदूषक निम्नलिखित हैं-
(i) कार्बन मोनोक्साइड (ii) कार्बन डाइऑक्साइड (iii) सल्फर तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड (iv) फ्लोराइडज के यौगिक (v) धातुएं तथा हाइड्रोकार्बन।।
प्रश्न 24. प्रदूषण नियंत्रण की कुछ महत्त्वपूर्ण विधियाँ बताइए।
उत्तर- (1) प्रदूषण के कारण का ज्ञान तथा उपाय पता करना।
(2) कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों के नियंत्रण के लिए प्रदूषण नियंत्रक लगाना।
(3) अपशिष्ट पदार्थों का चक्रीकरण करना।
(4) वाहित मल तथा उत्सर्जी आदि का ठीक ढंग से निस्तारण करना।
(5) गोबर गैस प्लांट का लगाना।
प्रश्न 25. प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास में जनसंख्या वृद्धि का कितना हाथ है?
उत्तर-जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ अनेक आवश्यकताएँ भी उभर कर सामने आ रही हैं। इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्राकृतिक संपदाओं की कमी हो रही है। प्राकृतिक संपदाएं अधिक मात्रा में होते हुए भी सीमित हैं जबकि जनसंख्या चरम सीमा पर पहुंच गई है। बढ़ती हुई जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए भी प्राप्त संसाधन सीमित दायरे में हैं। यदि जनसंख्या वृद्धि का यह भूचाल अधिक बढ़ता ही गया तो प्राकृतिक संसाधन से प्राप्त संपदाएं अपना संतुलन बनाए रखने में समर्थ नहीं होंगी।
प्रश्न 26. उन प्राकृतिक संसाधनों का वर्णन करो जो जीवन के लिए उपयोगी हैं।
उत्तर-1. भूमि संरक्षण-भूमि एक सबसे बड़ा प्राकृतिक संसाधन है जिससे हमारी लगभग सभी आवश्यकताएँ पूर्ण होती हैं। अत: इसका संरक्षण अनिवार्य है। भूमि से हमें कोयला, खनिज, धातु, पेट्रोल आदि मिलते हैं। भूमि में ही अनेक प्रकार के पौधे तथा फसलें बीजकर भोजन संबंधी आवश्यकताएँ पूरी की जाती हैं।
- वन संरक्षण-वनों से हमें लकड़ी, जड़ी-बूटियाँ तथा वर्षा मिलती है। वनों से वायु प्रदूषण कम होता है।
- वन्य जीवन संरक्षण-वनों में अनेक जानवर रहते हैं जिनसे हमें अनेक लाभ हैं।
- वायुमंडलीय संरक्षण-स्वस्थ वायुमंडल ही हमारे लिए उपयोगी होता है। स्वस्थ वायुमंडल से ही हमें साँस लेने के लिए ऑक्सीजन प्राप्त होती है।
प्रश्न 27. प्रदूषण नियंत्रण के पाँच उपाय बताओ।
उत्तर-प्रदूषण को रोकने के लिए हमें निम्नलिखित उपाय करने चाहिएं-
(1) गोबर गैस का निर्माण करना चाहिए।
(2) अजैव विघटनशील पदार्थों को गड्ढों में डालना चाहिए।
(3) अपशिष्ट पदार्थों का चक्रीकरण करना चाहिए।
(4) वाहित मल तथा उत्सर्जी आदि का सही ढंग से विसर्जन करना चाहिए।
(5) आटोमोबाइल्स में सी० एन० जी० का प्रयोग करना चाहिए।
प्रश्न 28. वनों के कटने से क्या हानि होती है?
उत्तर-यदि वृक्षों के कटने की दर उनकी वृद्धि से अधिक हो तो वृक्षों की संख्या धीरे-धीरे कम होती जाएगी। वृक्ष वाष्पण की क्रिया से बड़ी मात्रा में जल मुक्त करते हैं। इससे वर्षा वाले बादल आसानी से बनते हैं। जब वन कम हो जाते हैं तब उस क्षेत्र में वर्षा कम होती है। इससे वृक्ष कम संख्या में उग पाते हैं। इस प्रकार एक दुष्चक्र आरंभ हो जाता है और वह क्षेत्र रेगिस्तान भी बन सकता है। वृक्षों के बहुत अधिक मात्रा में कटने से जैव पदार्थों से समृद्ध मिट्टी की सबसे ऊपरी परत वर्षा के पानी के साथ बहकर लुप्त होने लगती है।
प्रश्न 29. कोयला और पेट्रोलियम को किस प्रकार लंबे समय तक बचाया जा सकता है?
उत्तर-कोयला पेट्रोलियम का उपयोग मशीनों की दक्षता पर भी निर्भर करता है। यातायात के साधनों में अतिरिक्त दहन-इंजन का प्रयोग होता है। लंबे समय तक इसके उपयोग के लिए शोध किया जा रहा है कि इनमें ईंधन का पूर्ण दहन किस प्रकार सुनिश्चित किया जा सकता है। यह भी प्रयत्न किया जा रहा है कि इनकी दक्षता भी बढ़े तथा वायु प्रदूषण को भी कम किया जा सके और इन्हें लंबे समय तक बचाया जा सके।
प्रश्न 30. स्थानीय जल स्रोतों पर किस कारण स्थानीय निवासियों का नियंत्रण नहीं रहा था? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-अंग्रेज़ों ने हमारे देश में आकर युगों से चली आने वाली सिंचाई प्रणाली को बदल दिया था। बड़ी परियोजनाओं के अंतर्गत विशाल बाँध तथा दूर तक जाने वाली बड़ी-बड़ी नहरों की सर्वप्रथम संकल्पना तथा उन्हें क्रियान्वित करने का कार्य अंग्रेज़ों द्वारा किया गया था। हमारे देश के स्वतंत्र होने पर हमारी सरकार ने भी पूरे जोश के साथ अपनाया। इन विशाल परियोजनाओं से सिंचाई के स्थानीय तरीके उपेक्षित होते गए तथा सरकार धीरे-धीरे इनका प्रबंधन एवं प्रशासन अपने हाथ में लेती चली गई जिससे जल के स्थानीय स्रोतों पर स्थानीय निवासियों का नियंत्रण समाप्त हो गया।
प्रश्न 31. ‘कुल्ह‘ क्या है ? इनका प्रबंधन किस प्रकार किया जाता था?
उत्तर-लगभग 400 वर्ष पहले हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में नहर सिंचाई की स्थानीय प्रणाली का विकास हुआ जिसे ‘कुल्ह’ कहा जाता है। झरनों के बहने वाले जल को मानव द्वारा बनाई गई छोटी-छोटी नालियों से पहाड़ी पर स्थित निचले गाँवों तक ले जाता है। इनसे मिलने वाले जल का प्रबंधन क्षेत्र के सभी गाँवों की आपसी सहमति से किया जाता था। कृषि के मौसम में जल सबसे पहले दूरस्थ गाँव को दिया जाता था। कुल्ह की देख-रेख एवं प्रबंध के लिए दो या तीन लोग रखे जाते थे, जिन्हें गाँव वाले वेतन देते थे। सिंचाई के अतिरिक्त इन कुल्ह से जल का भूमि में अंत: स्रवण भी होता रहता था जो विभिन्न स्थनों पर झरने को भी जल प्रदान करता रहता था। सरकार द्वारा इनके अधिग्रहण के बाद ये प्रायः निष्क्रिय हो गए।
प्रश्न 32. जल के वितरण में समानता न होने का क्या नुकसान हुआ है?
उत्तर-नदियों से निकलने वाली नहरें जल की बड़ी मात्रा को दूर-दूर के स्थानों तक ले जाती हैं। इंदिरा गाँधी नहर से राजस्थान के काफ़ी बड़े क्षेत्र में हरियाली आ गई है परंतु जल के खराब प्रबंधन के कारण कुछ व्यक्तियों द्वारा लाभ उठाने के कारण जल प्रबंधन के लाभ से बहुत से लोग वंचित रह गए हैं। जल का समानुपातिक वितरण नहीं है, इसलिए जल स्रोत के निकट रहने वाले व्यक्ति गन्ना और धान जैसी अधिक जल वाली फसल उगा लेते हैं जबकि दूर के लोगों को जल मिल ही नहीं पाता। वे मन चाही फ़सलें नहीं उगा पाते।
प्रश्न 33. जलसंग्रहण की पुरानी पद्धति को चित्र सहित समझाइए। ‘
उत्तर-जलसंग्रहण भारत में बहुत पुरानी पद्यति है। राजस्थान में खादिन, बड़े पात्र एवं नाड़ी, महाराष्ट्र के बंधारस एवं ताल, मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में बंधिस, बिहार में अहार तथा पाइन, हिमाचल प्रदेश में कुल्ह, जम्मू के काँदी क्षेत्र में तालाब तथा तमिलनाडु में एरिस (Tonlo) केरल में सुरंगम, कर्नाटक में कट्टा इत्यादि प्राचीन जल संग्रहण तथा जल परिवहन संरचनाएँ आज भी उपयोग में हैं। बाँध के द्वारा वर्षा का पानी रोक कर उसका अलग-अलग तरह से उपयोग किया जाता है। इस का पानी ही बाद में कुओं के जल स्तर का कारण बनता है।
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
(Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1. प्रदूषण क्या है?
उत्तर–प्राकृतिक रूप में पाए जाने वाले अथवा शुद्ध रूप में पाए जाने वाले पदार्थों में धूल कण तथा अन्य नुकसानदेह पदार्थों का मिश्रण प्रदूषण कहलाता है।
प्रश्न 2. किन्हीं पाँच प्राकृतिक संसाधनों के नाम बताएँ। (H.P. 2014 Set B)
उत्तर-(1) वन (2) वन्य जीवन (3) जल (4) कोयला (5) पेट्रोलियम।
प्रश्न 3. पर्यावरण को बचाने के लिए तीन R.के नाम बताएँ। (H.P. 2013 Set A)
उत्तर-(1) Reduce (कम करो) (2) Recycle (पुनः चक्रण) (3) Reuse (पुनः प्रयोग)।
प्रश्न 4. किन वस्तुओं को पुनः चक्रण द्वारा दुबारा इस्तेमाल कर सकते हैं?
उत्तर- प्लास्टिक, काँच, कागज़ एवं धातु की वस्तुएँ।
प्रश्न 5. कौन-सी ऊर्जा हमें पृथ्वी के बाहर से प्राप्त होती है?
उत्तर-सौर ऊर्जा हमें पृथ्वी के बाहर अर्थात सूर्य से मिलती है।
प्रश्न 6. CFC का पूरा नाम बताएँ। (H.P. 2015)
उत्तर- क्लोरो फलोरो कार्बन।
प्रश्न 7. स्वस्थ सेवाओं का संसाधनों से किस प्रकार संबंध है?
उत्तर-स्वास्थ्य सेवाओं के कारण हमारी जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है। जनसंख्या में वृद्धि के कारण संसाधनों की माँग बढ़ती है।
प्रश्न 8. जैव विविधता के लिए उत्तरदाई जीवों के नाम बताएँ।
उत्तर-जीवाणु, कवक, फर्न, पुष्पी, पादप, निमेटोडस, कीट, पक्षी, सरीसृप।
प्रश्न 9. गंगा सफाई योजना किस सन् में अपनाई गई थी?
उत्तर-सन् 1985
प्रश्न 10. R में Reduce (कम करो) का क्या अर्थ है?
उत्तर-कम करो का अर्थ है कि हमें कम-से-कम वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए।
प्रश्न 11. कोलिफार्म क्या है?
उत्तर-कोलिफार्म, जीवाणु का एक वर्ग है जो मानव की आंत में पाया जाता है।
प्रश्न 12. गंगा के उदगम स्थान एवं मार्ग के बारे में बताएँ।
उत्तर-गंगा अपने उदगम गंगोत्री, बंगाल की खाड़ी से होते हुए 2500 km की यात्रा कर समुद्र में मिलती है। प्रश्न 13. खुदाई से किस प्रकार प्रदूषण बढ़ता है?
उत्तर-खुदाई से भी प्रदूषण होता है क्योंकि धातु के निष्कषर्ण के साथ-साथ बड़ी मात्रा में धातुमल भी निकलता है।
प्रश्न 14. स्थानीय निवासी वनों का किस प्रकार प्रयोग करते हैं?
उत्तर-पशुओं तथा अपने लिए खाना लाने, जलाने के लिए लकड़ी तथा शिकार एवं निवास के लिए।
प्रश्न 15. जल का हमारे शरीर में क्या महत्त्व है?
उत्तर-यह हमारे शरीर की सभी रासायनिक प्रक्रियाओं में भाग लेता है, तथा शरीर के तापमान का नियमन करता है।
प्रश्न 16. समुद्री जल से हमें क्या मिलता है?
उत्तर-आयोडीन हमें समुद्री जल से प्राप्त होता है।
प्रश्न 17. जल संभर प्रबंधन क्या है?
उत्तर-इसमें मिट्टी एवं जल के संक्षारण पर जोर दिया जाता है ताकि ‘जैव मात्रा’ उत्पादन में वृद्धि हो सके।
प्रश्न 18. सौर ऊर्जा हमें किस प्रकार मिलती है?
उत्तर-सौर ऊर्जा हमें सौर किरणों के रूप में सीधे सूर्य से मिलती है एवं पेड़-पौधों के द्वारा हम उसे ग्रहण करते हैं।
प्रश्न 19. तीन विषैली गैसों के नाम बताएँ।
उत्तर-नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डॉइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड विषैली गैसें हैं।
प्रश्न 20. वायु प्रदूषण के मानकों के नाम बताएँ।
उत्तर-यूरो I, यूरो II एवं यूरो III वायु प्रदूषक के मानक हैं।
प्रश्न 21. वनों से प्राप्त होने वाले वृक्षों के नाम बताएँ।
उत्तर–पाइन (चीड़), टीका तथा यूकालिप्टस वन से प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 22. अल्पाइन वनों में घास की वृद्धि किस प्रकार रुकती है?
उत्तर-घास बहुत लंबी हो जाती है, फिर लंबाई के कारण ज़मीन पर गिर जाती है जिससे नई घास की वृद्धि रुक जाती है।
प्रश्न 23. चिपको आंदोलन की शुरुआत कब और कहाँ हुई?
उत्तर-सन् 1970 में हिमालय की ऊँची पर्वत श्रृंखला में गढ़वाल के ‘रेनी’ नामक गाँव में चिपको आंदोलन की शुरुआत हुई।
प्रश्न 24. तीन मुख्य खनिज संसाधनों के नाम बताएँ।
उत्तर-कॉपर, आयरन तथा मैगनीज़।
प्रश्न 25. ऊर्जा के नवीनीकरणीय स्रोतों के उदाहरण दो।
उत्तर-लकड़ी, जल तथा सौर ऊर्जा।
प्रश्न 26. ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोतों के उदाहरण दें।
उत्तर-कोयला एवं पेट्रोलियम।
प्रश्न 27. ऊर्जा के दो परंपरागत स्रोतों के नाम बताएँ।
उत्तर-खनिज ईंधन और बहता हुआ पानी।
प्रश्न 28. वायुमंडल के प्रमुख दो गैसीय घटकों के नाम बताओ।
उत्तर-नाइट्रोजन 78%, ऑक्सीजन 21% ।
प्रश्न 29. यूनिवर्सल इंडीकेटर क्या है?
उत्तर-लिटमस कागज़ को यूनिवर्सल इंडीकेटर कहते हैं।
प्रश्न 30. लिटमस कागज़ से क्या मापा जाता है?
उत्तर-लिटमस कागज़ से pH सरलता से मापा जाता है।
प्रश्न 31. पुनः उपयोग पुनः चक्रण से भी अच्छा तरीका क्यों है?
उत्तर-क्योंकि पुनः चक्रण में कुछ ऊर्जा व्यय होती है।
प्रश्न 32. खुदाई में प्रदूषण क्यों होता है?
उत्तर-क्योंकि धातु के निष्कषर्ण के साथ-साथ बड़ी मात्रा में स्लेग भी निष्कर्षित होता है।
प्रश्न 33. वन क्या हैं?
उत्तर-वन ‘जैव विविधता’ के तप्त स्थल हैं।
प्रश्न 34. जैव विविधता का क्या आधार है?
उत्तर-जैव विविधता का एक आधार उस क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न स्पीशीज़ की संख्या पर है। परंतु जीवों के विभिन्न स्वरूप भी महत्त्वपूर्ण हैं।
प्रश्न 35. जब हम वन संरक्षण की बात सोचें तो सबसे पहले दावेदार कौन हैं?
उत्तर-सबसे पहले दावेदार वन में तथा वन के आस-पास रहने वाले वे लोग हैं जो अपनी आवश्यकताओं के लिए वनों पर निर्भर रहते हैं।
प्रश्न 36.टिंबर का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर-टिंबर का दूसरा नाम है इमारती लकड़ी।
प्रश्न 37. उद्योग वनों को किसका स्रोत मानते हैं?
उत्तर-कच्चे माल का।
प्रश्न 38. ऐसी दो औद्योगिक आवश्यकताओं का नाम बताओ जिनसे वनों का विनाश होता है?
उत्तर-सड़क एवं बाँध निर्माण।।
प्रश्न 39. धरती पर रहने वाले सभी जीवों की मूल आवश्यकता क्या है?
उत्तर-जल।
प्रश्न 40. भारत की वर्षा किस पर निर्भर करती है?
उत्तर-मानसून पर। इसका अर्थ है कि वर्षा की अवधि वर्ष के कुछ महीनों तक ही सीमित है।
प्रश्न 41. भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सिंचाई के लिए प्राचीनकाल से किसका प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-बाँध, जलाशय एवं नहरों का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 42. बाँध की दो आवश्यकताएँ बताइए।
उत्तर-(1) बड़े बांध से जल का संग्रह पर्याप्त मात्रा में किया जाता है।
(2) बाँध विद्युत उत्पादन में भी सहायता करते हैं।
प्रश्न 43. ‘कुल्ह‘ किसे कहते हैं?
उत्तर-400 वर्ष पूर्व हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में नहर सिंचाई की स्थानीय व्यवस्था का विकास किया गया था। इन्हें ‘कुल्ह’ कहते हैं।
प्रश्न 44. कोयला तथा पेट्रोलियम कैसे प्राप्त होते हैं?
उत्तर-कोयला तथा पेट्रोलियम लाखों वर्ष पूर्व जीवों की जैव-मात्रा के अपघटन से प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 45. यह संसाधन यदि वर्तमान दर से प्रयोग में आते रहें तो यह कितने समय तक उपलब्ध रहेंगे?
उत्तर-पेट्रोलियम के संसाधन लगभग अगले 40 वर्षों तथा कोयले के संसाधन अगले 200 वर्षों तक उपलब्ध रह सकते हैं।
प्रश्न 46. जल संभर प्रबंधन में किस पर जोर दिया जाता है?
उत्तर-मिट्टी एवं जल संक्षारण।
प्रश्न 47. जल प्रदूषण के दो कारण लिखिए।
उत्तर-उर्वरक तथा कीटनाशकों का फसलों पर छिड़काव तथा कारखानों द्वारा अपशिष्ट पदार्थों का नदियों से विसर्जन।
प्रश्न 48. वन्य संपदा को सुरक्षित रखने के दो उपाय लिखिए।
उत्तर-(1) जंतुओं के प्राकृतिक आवास स्थानों को सुरक्षित रखा जाए।
(2) उनका शिकार वर्जित कर दिया जाए।
प्रश्न 49. अपशिष्ट पदार्थों को किन दो वर्गों में रखा जा सकता है? इनमें से कौन-सा अधिक घातक होता है?
उत्तर-(i) जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ।
(ii) जैव अनिम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ।
इन दोनों में से जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ अधिक घातक हैं।
प्रश्न 50. जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थों द्वारा एक लाभदायक पुनः चक्रण का उदाहरण बताइए।
उत्तर-गोबर से गैस प्राप्त करना अपशिष्ट पदार्थों के पुनः चक्रण का लाभदायक उदाहरण है।
प्रश्न 51. जंगली जंतुओं का संरक्षण क्यों करना चाहिए?
उत्तर-जंगली जंतु पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं। इसलिए इनका संरक्षण करना चाहिए।
प्रश्न 52. भारतवर्ष में राष्ट्रीय पार्क और सेंकचूअरी बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर-जंगली जंतुओं का संरक्षण करना।
प्रश्न 53. बड़े-बड़े उद्योगों की स्थापना से स्थानीय जलवायु पर होने वाले कोई दो प्रभाव बताइए।
उत्तर-(1) वायु प्रदूषण (2) आस-पास के वायुमंडल के ताप में वृद्धि।
प्रश्न 54. वनों के पुनः पूर्ण के लिए कौन-सा कार्यक्रम है?
उत्तर-वनों के पुनः पूर्ण के लिए वन महोत्सव एक मुख्य कार्यक्रम है।
(H.P. 2013 Set-I, 2014 Set-C)
प्रश्न 55. टिहरी बाँध किस नदी पर बनाया गया है?
उत्तर-गंगा नदी पर।
प्रश्न 56. सरदार सरोवर बांध किस नदी पर बनाया गया है?
उत्तर-नर्मदा नदी पर। (H.P. 2013 Set-C)
बहु-विकल्पी प्रश्नोत्तर
(Multiple Choice Questions)
- कोलिफार्म मानव शरीर में कहाँ पाया जाता है?
(A) आँख (B) आँत
(C) पेट (D) टांग।
- गंगा सफाई योजना कब आंरभ हुई?
(A) 1945 (B) 1965
(C) 1985 (D) 2005.
- जो जल भूमि के नीचे पाया जाता है उसे क्या कहते हैं?
(A) नीच जल (B) भूमिगत जल
(C) पुनः उपयोग जल (D) उपरोक्त कोई नहीं।
- तीन R’S में से दूसरे ‘R’ का क्या अर्थ है?
(A) Reduce (कम करो) (B) Recycle (पुनः चक्रण)
(C) Reuse (पुनः प्रयोग) (D) उपरोक्त सभी।
- भंडार मुख्यतः कहाँ पाए जाते हैं?
(A) दिल्ली (B) चंडीगढ़
(C) महाराष्ट्र (D) आसाम।
- निम्नलिखित में से कौन-सा उद्योग वन उत्पादों पर निर्भर करता है?
(A) टिम्बर (B) कागज़
(C) खेल का सामान (D) उपरोक्त सभी।
- जिन पदार्थों को जलाकर ऊष्मा उत्पन्न की जा सकती है, उन्हें क्या कहते हैं?
(A) भौम जल (B) ईंधन
(C) प्रदूषण (D) संरक्षण।
- निम्नलिखित में से कौन-सी गैस विषैली नहीं है?
(A) SOR (B) CO
(C) NO2 (D) CO2
- टिम्बर का दूसरा नाम क्या है?
(A) कच्चा माल (B) इमारती लकड़ी
(C) लिटमस (D) उपरोक्त सभी।
- उद्योग वनों को किसका स्रोत मानते हैं?
(A) वर्षा (B) मिट्टी का
(C) कच्चे माल का (D) O2 का।
- धरती पर रहने वाले सभी जीवों की मूल आवश्यकता क्या है?
(A) कपड़ा (B) मकान
5 (C) जल (D) रोटी।
- हमारे समाज में जागरूकता संबंधी नया अपचाल अध्याय किसके अविवेक पूर्ण दोहन/निःशेषण से जुड़ा हुआ है?
(A) संसाधनों (B) कृषि
(C) वनों (D) खाद्य पदार्थों।
- गंगा अपने उद्गम से लेकर गंगा सागर तक कितने कि०मी० लंबी यात्रा करती है?
(A) 1500 (B) 2000
(C) 2500 (D) 3000.
- गंगा के किनारे कितने नगर बसे हुए हैं, जिन्होंने इसे प्रदूषित कर दिया है?
(A) 100 से अधिक (B) 150 से अधिक
(C) 200 से अधिक (D) 210 से अधिक।
- किस विकास के संकल्पना भावी संतति के लिए संसाधनों के संरक्षण करेगा?
(A) खाद्य पदार्थ (B) ईंधन
(C) वर्षा पैटर्न (D) संपूषित।
- हमारी जनसंख्या में तेजी से वृद्धि किस सेवा के कारण हो रही है?
(A) डाक (B) स्वास्थ्य
(C) संचार (D) परिवहन।
- धातु के निष्कर्षण के साथ-साथ किसकी बड़ी मात्रा निष्काषित होती है?
(A) धुआं (B) जल
(C) स्लेग (D) मल
- ‘जैव विविधता‘ के तप्त स्थल कौन हैं?
(A) ज्वालामुखी (B) भट्ठियाँ
(C) वन (D) कारखाने।
- बीड़ी उत्पादक किस पत्ती का इस्तेमाल करते हैं?
(A) आम (B) ताड़
(C) तेंदुआ (D) शीशम।
- राजस्थान के किस समुदाय के लिए वन्य एवं प्राणि संरक्षण धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा बन चुका है?
(A) ब्राह्मण (B) विश्नोई
(C) राठौर (D) ठाकुर।
- खेजराली गाँव में वृक्षों की रक्षा के लिए कितने लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दे दिया था?
(A) 122 (B) 343
(C) 363 (D) 383.
- अमृता देवी विश्नोई पुरस्कार किस सरकार ने आरंभ किया था?
(A) भारत (B) हरियाणा
(C) बिहार (D) राजस्थान।
- चिपको आंदोलन किस गाँव में शुरू हुआ था?
(A) रेनी (B) रोनी
(C) रुनी (D) रानी।
- विशाल बांधों की संकल्पना भारत में सबसे पहले किन्होंने की थी?
(A) पुर्तगालियों ने (B) फ्रांसिसियों ने
(C) अंग्रेजों ने (D) भारतीयों ने।
- टिहरी बाँध किस नदी पर बनाया गया है
(A) नर्मदा (B) गंगा
(C) गोदावरी (D) महानदी।
- किस बांध के विस्थापितों को अब तक वायदे के अनुसार लाभ नहीं मिल सका है?
(A) सरदार (B) टिहरी
(C) भाँखड़ा (D) तावा।
- अगले कितने वर्ष तक हमारे पास पेट्रोलियम संसाधन के रूप में रहेगा?
(A) 20 (B) 30
(C) 40 (D) 50.
- निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति करो–
(i) वायुमंडल में नाइट्रोजन गैस ………… प्रतिशत है।
(ii) …………. को यूनिवर्सल इंडीकेटर भी कहते हैं।
(iii) लिटमस कागज़ से …………. सरलता से मापा जाता है।
(iv) बाँध …………. उत्पादन में सहायता करते हैं।
जो (v) समुद्री जल में हमें …………… मिलता है।
(vi) खुदाई में भी प्रदूषण होता है क्योंकि धातु के निष्कर्षण के साथ-साथ बड़ी मात्रा में …………
निकलता है।
(vii) कोयला तथा ……………. ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोत हैं।
(viii) कारखानों द्वारा अपशिष्ट पदार्थों का नदियों से विसर्जन …….. प्रदूषण का उदाहरण है।
- निम्नलिखित में से सही जोड़े बनाइए–
(i) धातु निष्कर्षण (i) सन् 1970
(ii) ऑक्सीजन (ii) नहर सिंचाई
(iii) चिपको अंदोलन (ii) आयोडीन
(iv) लिटमस कागज़ (iv) खुदाई
(v) कुल्ह (v) पुन: उपयोग
(vi) समुद्री जल (vi) मानव आंत
(vii) कोलिफार्म (vii) PH
(viii) तीसरा ‘R’ (viii) पहाड़ी क्षेत्रों में
(ix) जोहड़ (ix) 21%.
- निम्नलिखित में से सही तथा ग़लत छाँटिए–
(i) बावरियाँ मुख्यतः राजस्थान में पाए जाते हैं।
(ii) लद्दाख के क्षेत्रों में जिंग द्वारा जल संरक्षण किया जाता है।
(iii) गंगा नदी का पानी पाइपों द्वारा दिल्ली शहर में लाया जाता है।
(iv) वृक्षों को बीमारियों से बचाने के लिए रासायनिक दवाइयों का उपयोग किया जाता है।
(v) चिपको आंदोलन सन् 2005 में प्रारभ हुआ था।
(vi) टिंबर उद्योग एक ऐसा उद्योग है जो वन उत्पादों पर निर्भर नहीं करता।
(vii) सन् 1985 में गंगा के प्रदूषण को दूर करने के लिए गंगा सफाई योजना शुरू की गई।
(viii) जल हमारे शरीर के ताप का नियमन करता है तथा मलमूत्र के विसर्जन में सहायता करता है।
(ix) लकड़ी तथा जल नवीकरणीय स्रोतों के उदाहरण हैं।
उत्तर–
AUR
- (B) आंत 2. (C) 1985 3. (B) भूमिगत जल 4. (B) Recycle (पुनः चक्रण)
- (C) महाराष्ट्र को 6. (D) उपरोक्त सभी 7. (B) ईंधन 8. (D) CO2
- (B) इमारती लकड़ी 10. (C) कच्चे माल का 11. (C) जल 12. (A) संसाधनों
- (C) 2500 कि०मी० 14. (A) 100 से अधिक 15. (D) संपूषित 16. (B) स्वास्थ्य
- (C) स्लेग 18. (C) वन, 19. (C) तेंदुआ 20. (D) विश्नोई
- (C) 363 22. (D) राजस्थान 23. (A) रेनी 24. (C) अंग्रेजों ने
- (B) गंगा 26. (D) तावा 27. (C) 40 वर्ष।
- (i) 78 (ii) लिटमस कागज़ (iii) pH (iv) विद्युत (v) आयोडीन (vi) धातुमल (vii) पेट्रोलियम
(viii) जल।
- (i)-(iv), (ii)-(ix), (iii)-(i), (iv)-(vii), (v)-(ii), (vi)-(iii), (vii)-(vi), (viii)-(v),
(ix)-(viii)
30.(i) ü (ii) ü (iii) x (iv) ü (v) x (vi) x (vii) ü (viii) ü (ix) ü.