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High Court के आदेश, पुलिस कांस्टेबल भर्ती में कंसीडर हो प्रार्थी का NCC प्रमाण पत्र
Last Updated on March 19, 2020 by Deepak
शिमला। हाईकोर्ट (High Court) ने पुलिस कांस्टेबल की भर्ती से जुड़े एक मामले में आवेदन की अंतिम तारीख के बाद पेश किए एनसीसी (NCC) प्रमाण पत्र को कंसीडर कर प्रार्थी को उचित नंबर देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने इसके पश्चात पुनः वरिष्ठता सूची तैयार करने आदेश भी दिए और कहा कि यदि प्रार्थी नियुक्ति के लिए अपना स्थान बना पाता है तो उसे अन्य चयनित उम्मीदवारों की तरह ही नियुक्ति व लाभ प्रदान किए जाएं।
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न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने सौरव शर्मा द्वारा दायर याचिका को स्वीकारते हुए स्पष्ट किया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसी भी उम्मीदवार को विज्ञापन की सावधानीपूर्वक जांच करने व निर्देशों के पालन की आवश्यकता होती है, लेकिन कोई भी मामूली या तुच्छ चूक जिसे अंतिम चयन की तारीख से पहले सुधारा या सुधारा जा सकता है, ऐसे मामलों में घातक साबित नहीं हो सकती, विशेषतया एक मेधावी उम्मीदवार के लिए जिसने नियुक्ति के लिए अन्यथा सभी अपेक्षित परीक्षा अर्थात शारीरिक मानक और लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की हुई हो।
3 मार्च 2019 को पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 720 पद विज्ञापित किए थे, जिसमें से बिलासपुर जिला में सामान्य वर्ग के 40 पद भरे जाने थे। प्रार्थी ने ऑनलाइन इस पद के लिए अप्लाई किया था, उसे पर्सनालिटी टेस्ट के लिए 26 अक्टूबर 2019 को बुलाया गया था। अंतिम परिणाम घोषित करने के पश्चात सामान्य श्रेणी के 40 पदों में से केवल 12 पदों पर ही नियुक्तियां दी गईं। प्रार्थी का कहना था कि उसे एनसीसी (बी) सर्टिफिकेट के लिए दो अतिरिक्त अंक दिए जाने चाहिए थे, मगर यह अंक नहीं दिए गए। जबकि पुलिस विभाग का यह कहना था कि प्रार्थी ने एनसीसी (बी) सर्टिफिकेट ऑनलाइन एप्लीकेशन की तारीख के पश्चात पेश किया और सर्टिफिकेट पर इसके जारी होने की कोई तारीख भी नहीं थी।
न्यायालय ने पाया कि प्रार्थी द्वारा पेश किया गया सर्टिफिकेट वास्तविक है। अगर इसे इस पर तारीख न लिखने की वजह से दरकिनार किया जाता है तो यह गलत होगा, क्योंकि सर्टिफिकेट जारी करने वाले अधिकारी का यह कर्तव्य बनता था कि वह इस प्रमाण पत्र को जारी करते समय इस पर तारिख अंकित करता। न्यायालय ने यह भी पाया कि पुलिस विभाग में ऑनलाइन आवेदन करते समय किसी भी तरह का सर्टिफिकेट ना भेजने की हिदायत दी थी तो ऐसी स्थिति में एनसीसी बी का सर्टिफिकेट प्रार्थी द्वारा कैसे भेजा जाता। न्यायालय ने यह भी पाया कि कॉल लेटर में यह नहीं बताया गया था कि आवेदन की तारीख के बाद जारी किया गया प्रमाण पत्र कंसीडर नहीं किया जाएगा। इस कारण पुलिस विभाग का यह दायित्व बनता था कि प्रार्थी द्वारा पेश किए एनसीसी (बी) सर्टिफिकेट को कंसीडर करता।