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कोरोना से जंग लड़ रहे कर्मचारियों की मौत पर 50 लाख देगी Jai Ram सरकार
शिमला। कोरोना इमरजेंसी के चलते हिमाचल (Himachal) को करीब चार सौ करोड़ की चपत लगी है। हिमाचल को चार सौ करोड़ वित्तीय घाटा हुआ है। अप्रैल में साढ़े चार सौ करोड़ से ज्यादा सरकार का अपना राजस्व आने की संभावना थी, लेकिन यह 40 से 45 करोड़ ही आया है। यह जानकारी सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने मीडिया से बातचीत करते हुए दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया, अगर किसी डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी और पुलिस कर्मी की कोरोना के चलते मृत्यु हो जाती है तो परिवार वालों को 50 लाख देने की घोषणा की है।
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सम्मान निधि में पांच लाख 62 हजार से ज्यादा किसानों को दो हजार प्रति माह दिया गया है। इस पर 112 करोड़ 55 लाख के करीब खर्च हो चुका है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत तीन माह तक महिलाओं के खाते में प्रति माह 500 रुपए डाला जा रहा है। इस पर 29.5 करोड़ खर्च होंगे। उज्जवला योजना के तहत निशुल्क गैस सिलेंडर देने का प्रावधान किया गया है।
हिमाचल प्रदेश भवन व अन्य सनिर्माण के तहत पंजीकृत मजदूरों के पीएफ खाते में दो-दो हजार रुपए डाले गए हैं। इस पर 15 करोड़ 12 लाख खर्च किया गया है। हिमाचल में टास्क फोर्स का गठन किया है। यह टास्क फोर्स इस बात को सुनिश्चित करती है किसी की किस रूप में मदद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन टू 15 से शुरू हुआ है। 20 तक चेंज नहीं था। अब इसमें सीमित छूट ही दे पाएंगे। क्योंकि अभी हिमाचल के 12 जिलों में 6 जिले प्रभावित हुए हैं। 6 इससे दूर हैं। अगर कोई बड़ी छूट दी जाती है और कहीं चूक हुई तो मामले हर जगह पहुंच जाएंगे।
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हिमाचल में पहले दो जगह डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, अस्पताल टांडा और आईजीएमसी में टेस्टिंग सुविधा थी। इसके बाद कसौली में शुरू की गई है। अब आईएचबीटी पालमपुर में शुरू होने जा रही है। मेडिकल कॉलेज नेरचौक के लिए भी आईसीआर से मंजूरी मांगी गई है। उन्होंने सांसद रामस्वरूप शर्मा के विषय पर कहा कि वह दिल्ली से आने के बाद घर नहीं गए हैं। पुराने घर में होम क्वारंटाइन हैं। जो उनके साथ आएं हैं वह भी अपने घर नहीं गए हैं और किसी से नहीं मिले हैं। उनकी सांसद रामस्वरूप शर्मा से व्यक्तिगत रूप से बातचीत हुई है।