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श्रम कानूनों में बदलाव को राहुल ने बताया गलत; बोले- Corona संकट मजदूरों के शोषण का बहाना नहीं हो सकता
नई दिल्ली। भारत में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कई राज्यों में बीते दिनों श्रम कानून में हुए बदलावों को लेकर अपनी तरफ से चिंता व्यक्त की है। राहुल गांधी ने कई राज्यों में श्रम कानूनों (Labor laws) में संशोधन किए जाने की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि कोरोना संकट श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘अनेक राज्यों द्वारा श्रमकानूनों में संशोधन किया जा रहा है। हम कोरोना के खिलाफ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन यह मानवाधिकारों को रौंदने, असुरक्षित कार्यस्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता।’
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अनेक राज्यों द्वारा श्रमकानूनों में संशोधन किया जा रहा है। हम कोरोना के खिलाफ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन यह मानवाधिकारों को रौंदने, असुरक्षित कार्यस्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता। इन मूलभूत सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 11, 2020
कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि इन मूलभूत सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता। बता दें कि लॉकडाउन के कारण कामकाज ठप होने के बाद कई राज्य सरकारों ने अपने यहां श्रम कानूनों में बदलाव किया है। इनमें उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश की सरकार भी शामिल हैं। इन राज्यों ने कानून में बदलाव कर उद्योगों को राहत देने की तैयारी की है, तो वहीं इसका भार मजदूरों पर पड़ता नज़र आ रहा है। कई राज्यों ने अपने यहां श्रमिकों के लिए कामकाज के घंटे को आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है। कांग्रेस के नेता पिछले कई दिनों से श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं। राहुल के अलावा कई सारे विपक्ष के नेता और कई संगठन जहां इसे मजदूरों को बंधवा करने वाले कानून कह रहे हैं तो सरकारों का तर्क है कि लॉकडाउन की वजह से ठप हुए उद्योग-धंधों को पटरी पर लाने के लिए ये किया गया है।