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Corona ने तोड़ी बागबान की कमर, बैंक से Loan लेकर शुरू की थी फूलों की खेती, लाखों की फसल बर्बाद
हमीरपुर। कोरोना महामारी ने भारत सहित दुनियाभर में कोहराम मचा रखा है जिससे सभी देशों की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। कोरोना महामारी के चलते सारे काम धंधे ठप हो चुके हैं। इस कारण सभी लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर हो चुकी है। चाहे वह व्यापारी, किसान या बागबान क्यों ना हों। जिला हमीरपुर (District Hamirpur) के बड़सर उपमंडल के किसान पवन कुमार ने करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से उद्यान विभाग की मदद से फूलों की खेती (floriculture) का व्यवसाय शुरू किया, लेकिन कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के कारण किसान पवन कुमार को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। पवन कुमार की मानें तो करीब 80 लाख रुपए के फूल काटकर खुले में फेंकने पड़े जिससे उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हुआ। पवन कुमार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
उद्यान विभाग के मदद से 12 हजार स्क्वेयर मीटर पर लगाए थे पॉलीहाउस
पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने 2013 में उद्यान विभाग के मदद से 12 हजार स्क्वेयर मीटर पर पॉलीहाउस (Polyhouse) लगाए। इन पॉलीहाउस में फूलों की खेती शुरू की गई जिससे उन्हें हर साल 8 से 10 लाख रुपये की शुद्ध आमदनी होने लगी। यहीं नहीं पवन कुमार ने अपने फूलों की खेती में हाथ बंटाने के लिए करीब 30 से 35 स्थानीय सहित प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार मुहैया करवाया। उनके फूलों की सप्लाई दिल्ली ,चंडीगढ़ , हरियाणा और हिमाचल में होती है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते उनकी फूलों की फसल नहीं बिक पाई। हालात ये हैं कि फूल पॉलीहाउस में सुख गए या तैयार फूलों की फसल को काटकर फेंकना पड़ा जिसके चलते उन्हें लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
परिवार पालने के लिए अब बेचनी पड़ रही सब्जियां
पवन कुमार ने बताया कि परिवार का पालन-पोषण करने के लिए मजबूरन उन्हें सब्जियां बेचने का काम शुरू करना पड़ा। उन्होंने जयराम सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि प्रदेश के किसानों और बागबानों की इस मुश्किल की घड़ी में उन्हें आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाए। स्थानीय निवासी श्याम लाल का कहना है कि पवन कुमार ने बैंक से कर्जा लेकर फूलों का कारोबार शुरू किया जिससे उन्हें अच्छा लाभ भी हो रहा था, लेकिन अब कोरोना के चलते उनका यह व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो चुका है। ऐसे में सरकार को किसानों और बागबानों को कुछ ना कुछ मदद महैया करवानी चाहिए ताकि ये लोग दोबारा अपना काम-धंधा शुरू कर सकें।