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दिल्ली बॉर्डर सील के मसले पर SC का अहम् फैसला; केंद्र ने कोर्ट में माना- बढ़ रहा Covid-19 संक्रमण
Last Updated on June 4, 2020 by
नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supeme Court) में कोरोना वायरस संकट को लेकर हलफनामा दायर इस बात को स्वीकार किया है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। केंद्र ने अपने हलफनामे में आगे कहा है कि मौजूदा संकट को देखते हुए देश में बड़ी संख्या में मेक-शिफ्ट अस्पतालों (Make-shift Hospitals) की स्थापना करनी होगी।
इसके साथ ही निकट भविष्य में मौजूदा अस्पतालों के अलावा कोरोना मरीजों के लिए अस्थाई मेक-शिफ्ट अस्पतालों का निर्माण करना होगा। ताकि उनकी देखभाल की जा सके। केंद्र की तरफ से इस हलफनामे में बताया गया है कि कोरोना संकट की इस घड़ी में मरीजों की देखभाल में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों की देखभाल करने की जरूरत है। सरकार की ओर से पूरी निष्ठा के साथ संरक्षण की कोशिशें की जा रही हैं।
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NCR के लिए कॉमन पास बनाएं तीनों राज्य
वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संकट के कारण दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की सीमाएं सील होने लोगों को हो रही दिक्कत के सन्दर्भ में दायर की गई एक जनहित याचिका पर भी सुनवाई की। कोर्ट ने बुधवार को एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास बनाने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दस्ते हुए कहा कि एनसीआर क्षेत्र में आवाजाही के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया जाए।
इसके लिए सभी स्टेक होल्डर मीटिंग करें और एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास (Comman Pass) जारी करें, जिससे एक ही पास से पूरे एनसीआर में आवाजाही हो सके। कोर्ट ने आगे कहा कि दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश (Delhi, Haryana and Uttar Pradesh) के एनसीआर क्षेत्र में आवागमन के लिए एक सुसंगत नीति होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य इसके लिए एक समान नीति तैयार करें। एक हफ्ते के भीतर ये एक नीति तैयार हो। इसके लिए तीनो राज्यों की बैठक कराई जाए।