-
Advertisement
Himachal की इस ऐतिहासिक धरोहर का 132 साल बाद होगा जीर्णोद्धार- काम शुरू
शिमला। हिमाचल की एक ऐतिहासिक धरोहर (Historic Monuments), जिसका करीब 132 साल बाद जीर्णोद्धार (Renovation) होगा। इस धरोहर पर 67 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आज जीर्णोद्धार का काम भी शुरू हो गया है। बता दें कि शिमला में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी (वाईसरीगल लॉज) 1888 में बनकर तैयार हुए था। भारत के वाइसराय लॉर्ड डफरीन के घर के रूप बनाए गए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी (Institute of Advanced Study) (वाईसरीगल लॉज) की हालत खस्ता हो चुकी है, जिसके चलते वाईसरीगल लॉज जीर्णोद्धार का रास्ता अब साफ हो गया है। इसके जीर्णोद्धार का काम आज से शुरू कर दिया गया है। इसके जीर्णोद्धार के लिए 67 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। पहले चरण में इसके किचन विंग (Kitchen Wing) का काम शुरू हुआ है, जिस पर 12 करोड़ खर्च किए जाएंगे। किचन विंग के काम को 2022 तक दो साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जबकि पूरे परिसर का काम 3 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह भी पढ़ें: Cabinet: सेना और अर्द्ध सैनिक बलों की वर्दी पहनने के इच्छुक युवाओं को तोहफा
हैरिटेज बिल्डिंग होने के नाते एएसआई (ASI) की देखरेख में सारा कामकाज होगा, ताकि बिल्डिंग की ऐतिहासिक पहचान को कोई नुकसान ना पहुंच सके। यह जानकारी शिमला में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मकरंद आर परांजपे ने दी। उन्होंने बताया कि कारोना काल में 50 फीसदी लेबर के साथ काम शुरू किया गया है। एडवांस स्टडी के निर्माण के बाद पहली बार इस ऐतिहासिक धरोहर का जीर्णोद्धार हो रहा है, क्योंकि भवन के अंदर व बाहर कुछ ऐतिहासिक चीजें हैं, जिनको रिपेयर किया जाएगा। इस भवन का निर्माण सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) की देखरेख में द्रोणा व एपीकॉम करेंगी।