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सोलनः Android Phone और सिग्नल नहीं, कैसे पढ़ें बच्चे- पर शिक्षकों ने निकाला तोड़
दयाराम कश्यप/सोलन। जिले के दूर दराज क्षेत्रों में बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल फोन (Android Mobile Phone) तथा इंटरनेट का सिग्नल ना होना पढ़ाई के लिए सबसे बड़ी बाधा है, जिससे बच्चे अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जिला सोलन (Solan) के अर्की उपमंडल में सामने आया है। जहां अध्यापकों ने इस समस्या से निपटने के लिए ऐसे क्षेत्रों के बच्चों को पढ़ाई करवाने का तरीका ढूंढ निकाला है। उन्होंने स्वयं घर-द्वार जाकर बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया है।
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अर्की उपमंडल के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बखालग के अध्यापकों द्वारा कोरोना (Corona) महामारी के चलते बच्चों की पढ़ाई में कोई व्यवधान ना हो, इसके लिए गांव में जाकर उनके घर-द्वार पर शिक्षा देने की मुहिम शुरू की है। क्योंकि अर्की उपमंडल के दूरदराज क्षेत्र के गांव में मोबाइल नेटवर्क की बहुत समस्या है, जिससे बच्चों को दी जा रही ऑनलाइन (Online) शिक्षा में असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए विद्यालय प्रबंधन द्वारा यह निर्णय लिया गया कि बच्चों को ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर उचित दूरी व मास्क लगाकर ही शिक्षा दी जाए, ताकि बच्चों की शिक्षा में कोई असुविधा ना हो।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बखालग के प्रधानाचार्य रविंद्र शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते विद्यालय के अध्यापक अपने विषयों पर ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं, लेकिन कुछ बच्चों से ज्ञात हुआ कि उनके पास एंड्राइड फोन की सुविधा नहीं है। साथ ही उनके क्षेत्र में नेटवर्क (Network) की समस्या भी है। इस कारण पढ़ाई में असुविधा हो रही है। विद्यालय प्रबंधन ने निर्णय लिया कि कुछ ऐसी जगह चुनी जाए जहां आस पास के गांवों के बच्चे एकत्रित हो सकें तथा उस स्थान पर अध्यापक स्वयं जाकर बच्चों को आवश्यक दूसरी व मास्क (Mask) के नियम की पालना करवाते हुए पढ़ाई करवा सकें, जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो।
विद्यालय प्रबंधन द्वारा अभिभावकों और बच्चों के साथ बात कर क्षेत्र में कुछ स्थान नियुक्त किए हैं। जैसे बखालग का शिव मंदिर प्रांगण, बांहवा का रेन शेल्टर, बनिया देवी प्रांगण, गांव दिदू व खेंर घाटी आदि शामिल हैं। जहां अध्यापक स्वयं समय निश्चित कर बच्चों को पढ़ाएंगे, ताकि प्रति शनिवार को होने वाली विद्यार्थियों की ऑनलाइन क्विज कंपीटिशन में यह बच्चे शत प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। साथ ही बच्चों की पढ़ाई में भी किसी प्रकार की समस्या ना रहे। इसी विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र ने बताया कि उनके क्षेत्र में नेटवर्क की प्रॉब्लम होने के कारण पढ़ाई में सुविधाओं का सामना करना पड़ रहा था, परंतु विद्यालय प्रबंधन द्वारा इस समस्या को देखते हुए उन्हें घर-द्वार पर ही शिक्षा दी जा रही है, जिससे सभी विद्यार्थी (Student) बेहद प्रसन्न हैं और उनकी पढ़ाई भी अच्छे तरीके से चल रही है।