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#Monsoon_Session: डिपुओं में मिलने वाले राशन के दाम कम करने को लेकर क्या बोली सरकार-जानिए
Last Updated on September 7, 2020 by Vishal Rana
शिमला। विधानसभा के मानसून सत्र (#Monsoon Session) में पूछे एक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा है कि राज्य अनुदानित योजना के तहत उपलब्ध करवाई जा रही सभी वस्तुएं परिवहन, दुकानधारक को देय कमीशन आदि खर्च जोड़ने के उपरांत तथा उसमें से निर्धारित सब्सिडी कम करके उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाई जा रही हैं। यदि क्रय मूल्य कम प्राप्त होता है तो डिपुओं में मिलने वाली खाद्य वस्तुओं दाल, सरसों तेल, रिफाइंड व चीनी के का विक्रय मूल्य भी कम हो जाएगा। यदि क्रय मूल्य बढ़ जाता है तो इन वस्तुओं का विक्रय मूल्य भी उसी अनुपात में बढ़ जाएगा। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) व नालागढ़ के विधायक लखविंदर सिंह राणा के पूछे प्रश्न के जवान में यह जानकारी खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग (Food Supply Minister Rajendra Garg) ने दी।
आयकरदाताओं को मिलने वाली सब्सिडी बंद करने से 71.16 करोड़ की होगी बचत
उन्होंने बताया कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी की स्थिति के मद्देनजर राज्य अनुदानित योजना के तहत अनुदान कम करने के उद्देश्य द्वारा कुछ निर्णय लिए गए हैं। आयकरदाताओं को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत मिलने वाले उपदान के व्यय को कम करने के लिए उन्हें मिलने वाले खाद्यान्नों को एक वर्ष के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह भी निर्णय हुआ कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना एनएफएसए के अंतर्गत बीपीएल (BPL) व प्राथमिक गृहस्थियों के चयन के लिए मापदंड 45 हजार रुपये वार्षिक आय किया जाए ताकि 1,50,000 अतिरिक्त बीपीएल प्राथमिक गृहस्थियों का चयन किया जा सके। राज्य अनुदानित योजना के अंतर्गत प्रदेश के एपीएल (APL) उपभोक्ताओं को प्रति परिवार मिलने वाले खाद्य तेल, दालें व चीनी पर मिलने वाले अनुदान को एक वर्ष के लिए क्रमश पांच रुपये प्रति लीटर, 10 रुपये प्रति किलो व 6 रुपए प्रति किलो प्रतिमाह कम कर दिया गया है। आयकरदाताओं को अनुदानित राशन ना देने के फलस्वरूप लगभग 1,50,000 राशन कार्ड धारक इस योजना से बाहर होंगे तथा आयकर दाताओं को मिलने वाले उपदान को बंद करने व सरकार द्वारा राज्य अनुदानित योजना के अंतर्गत मिलने वाले उपदान को कम करने के फलस्वरूप 71.16 करोड़ की वार्षिक बचत होने की संभावना है।
गंदम आटा व चावल के दामों में कोई परिवर्तन नहीं
लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत एपीएल उपभोक्ताओं को दिए जा रहे गंदम आटा व चावल के दामों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, जोकि उन्हें पूर्व की भांति दरों पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। गंदम आटा 9.30 रुपये प्रति किलो उपलब्ध करवाया जा रहा है। लगभग 12 किलोग्राम प्रति परिवार प्रति माह दिया जा रहा है। चावल 10 रुपये प्रति किलो दिया जा रहा है। प्रति परिवार 5.50 किलोग्राम प्रति माह दिया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा योजना राशन (NFSA) कार्ड धारकों को दाल चला 35 रुपए प्रति किलो, उड़द साबुत 50 रुपये प्रति किलो, मलका 55 रुपये प्रति किलो, मूंग साबुत 55 रुपये प्रति किलो, फॉर्टीफाइड सरसों तेल 93 रुपये प्रति लीटर, फॉर्टीफाइड रिफाइंड तेल 78 रुपये प्रति लीटर, डबल फॉर्टीफाइड नमक 8 रुपये पैकेट व चीनी 13 रुपये प्रति किलो की दर से दी जा रही है। एपीएल (OTNFSA) को दाल चना 40 रुपये प्रति किलो, उड़द साबुत 55 रुपये प्रति किलो, मलका 60 रुपये प्रति किलो, मूंग साबुत 62 रुपये प्रति किलो, फॉर्टीफाइड सरसों तेल 97 रुपये प्रति लीटर, रिफाइंड तेल 83 रुपये प्रति लीटर, नमक 8 रुपये पैकेट व चीनी 30 रुपये प्रति किलो दी जा रही है।