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#Corona के डर से पास नहीं आता था पति, #Court पहुंची पत्नी तो देना पड़ा मर्दानगी का प्रमाण
भोपाल। कोरोना को लेकर लोगों में काफी डर है। लोग एक-दूसरे से दूरी बना कर रख रहे हैं। ऐसे में आपने अजीब किस्से सुने होंगे लेकिन जो किस्सा हम आपको सुनाने जा रहे हैं वो कुछ ऐसा है कि आप भी पढ़कर हैरान रह जाएंगे। दरअसल भोपाल (Bhopal) में लॉ ट्रिब्यूनल (विधिक प्राधिकरण) के सामने एक ऐसा मामला पहुंचा जिसमें पति को कोरोना के डर की वजह से पत्नी से सोशल डिस्टेंसिंग बनाना महंगा पड़ गया। उसकी इस हरकत की वजह से नई-नवेली पत्नी रूठकर मायके चली गई और 5 महीने बाद कोर्ट में भी पहुंच गई। पत्नी ने आरोप लगा दिया कि उसका पति दांपत्य संबंध निभाने लायक ही नहीं है। पत्नी को मनाने के लिए पति को मेडिकल टेस्ट करवाकर पुरुषत्व का प्रमाण देना पड़ा।
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जानकारी के अनुसार दोनों की शादी 29 जून को हुई थी। पत्नी ने बताया कि शादी के बाद ससुराल वालों ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। पति फोन पर तो अच्छी बातें करते थे, लेकिन पास नहीं आते थे। इसको लेकर दोनों के बीच विवाद होना शुरू हो गया। महिला का कहना था कि जिससे उसने जीवनभर का रिश्ता जोड़ा, वही दूरी बना रहा था। उसने यह बात अपने परिजन को बताई। मायके वालों ने पति से बात करना चाही, लेकिन उसने सही तरीके से उत्तर नहीं दिया। ससुराल वालों की प्रताड़ना और पति की बेरुखी को देखते हुए वह मायके आ गई और दो महीने वहीं रही। महिला का कहना है कि उसका पूरा जीवन पड़ा है, लिहाजा भरण-पोषण का खर्चा दिया जाए। प्राधिकरण में महिला ने 2 दिसंबर को आवेदन दिया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राधिकरण ने मेडिकल (Medical) कराने की सलाह दी। पति ने प्राधिकरण के सामने मेडिकल रिपोर्ट रखी, जिसमें वह फिट था। मेडिकल रिपोर्ट को देखने के बाद पाया कि महिला ने पति पर झूठा आरोप लगाया था। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संदीप शर्मा ने बताया कि महिला ने पति पर झूठे आरोप लगाए थे कि वह दांम्पत्य संबंध निभाने योग्य नहीं है। काउंसलिंग के दौरान खुलासा हुआ कि पति को कोरोना फोबिया था, जिसकी वजह से वह पत्नी से भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा था। काउंसलर ने हिदायत दी कि वह आगे से किसी प्रकार के झूठे आरोप नहीं लगाए। वहीं दोनों को कोरोना टेस्ट करवाकर समस्या के निदान की सलाह दी।
काउंसलिंग के दौरान पति ने खुलासा किया कि शादी के बाद ही पत्नी के परिवार वाले पॉजिटिव हो गए। उसको लगता था कि हार्ड इम्युनिटी की वजह से उसे या पत्नी में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दिए। उसका मानना था कि जब आसपास वाले पॉजिटिव थे तो हो सकता है कि उसे और पत्नी को भी कोरोना हो। इसकी वजह से वह संबंध बनाने से झिझकता था। इसके बाद महिला और उसके परिजन की काउंसलिंग की गई। उसके बाद महिला अपने पति के साथ ससुराल जाने को तैयार हो गई।